धुरखेल का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इस भयानक धुरखेल में जिसे लोग चुनाव भी कहते हैं , भाग-जा के लोग अपनी आँखे खुली तक नहीं रख सके, चौकन्ने कहाँ से रहते? परम पूजनीया आप की दादी जी कहा करती थीं, जो खेल न आए उसे सोचना भी नहीं चाहिए.
- धुरखेल संकट समेटी की बैठकों में चूँकि सिपहसालार , दरबारी और तुच्छ रियाया सभी शामिल होते थे इसलिए एक और संकट को टालने के लिए पाखंडी ने यह व्यवस्था दी थी कि लबना माल मिजाज की दुकान की तर्ज पर झक सफेद गद्दे की व्यवस्था हो.
- दूसरे दिन , जिसे धुरड्डी , धुलेंडी , धुरखेल या धूलिवंदन कहा जाता है , लोग एक दूसरे पर रंग , अबीर-गुलाल इत्यादि लगते हैं , ढोल बजा कर होली के गीत गाये जाते हैं , और घर-घर जा कर लोगों को रंग लगाया जाता है।
- दूसरे दिन , जिसे धुरड्डी , धुलेंडी , धुरखेल या धूलिवंदन कहा जाता है , लोग एक दूसरे पर रंग , अबीर-गुलाल इत्यादि लगते हैं , ढोल बजा कर होली के गीत गाये जाते हैं , और घर-घर जा कर लोगों को रंग लगाया जाता है।
- धुरखेल संकट समेटी की बैठकों में चूँकि सिपहसालार , दरबारी और तुच्छ रियाया सभी शामिल होते थे इसलिए एक और संकट को टालने के लिए पाखंडी ने यह व्यवस्था दी थी कि लबना माल मिजाज की दुकान की तर्ज पर झक सफेद गद्दे की व्यवस्था हो .
- हमारे तरफ होली के एक दिन पहले धुरखेल होता है , यानि धूल, मिटटी, गोबर, कीचड़ सब चलता है तो हम कोशिश करते थे की धुरखेल वाले दिन नहीं निकलें पर होली भी अक्सर दो दिन मनाई जाती है, तो अक्सर कहीं न कहीं धुरखेल में फंस ही जाते थे.
- हमारे तरफ होली के एक दिन पहले धुरखेल होता है , यानि धूल, मिटटी, गोबर, कीचड़ सब चलता है तो हम कोशिश करते थे की धुरखेल वाले दिन नहीं निकलें पर होली भी अक्सर दो दिन मनाई जाती है, तो अक्सर कहीं न कहीं धुरखेल में फंस ही जाते थे.
- हमारे तरफ होली के एक दिन पहले धुरखेल होता है , यानि धूल, मिटटी, गोबर, कीचड़ सब चलता है तो हम कोशिश करते थे की धुरखेल वाले दिन नहीं निकलें पर होली भी अक्सर दो दिन मनाई जाती है, तो अक्सर कहीं न कहीं धुरखेल में फंस ही जाते थे.
- वाह ये हुई न बात ! मुझे जो शेर अपने मन के सबसे करीब लगा वो ये “ हर सुहागन की मनौती सुन रहा है गौर से ... ” क्या बात है ! नमन स्वीकारें ! कंचन और वीनस के बाद एक आपने ही मनौती के धागे बंधे वृक्ष की याद दिला दी ! अनमने दालान में भिनसार तक धुरखेल सी ...
- रंगों का त्योहार कहा जाने वाला यह पर्व पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है जिसमें पहले दिन को होलिका दहन होता है और दूसरे दिन होली मनाई जाती है जिसे धुलेंडी , धुरखेल या धूलिवंदन कहा जाता है , इस दिन लोग एक दूसरे पर रंग , गुलाल इत्यादि रंग फेंकते हैं तथा ढोल बजा कर होली के गीत गाये जाते हैं .