धैवत का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इसके आरोह में गान्धार धैवत स्वर का प्रयोग नहीं होता।
- ‘ ध ' धैवत स्वर हैं।
- ‘ ध ' धैवत स्वर हैं।
- कहीं कहीं केवल कोमल धैवत लगाने की प्रथा है .
- थाट -आसावरी स्वर -गन्धार , निषाद व धैवत कोमल ।
- इसका वादी स्वर ऋषभ तथा संवादी स्वर धैवत होता है।
- इन स्वरो केनाम हैं-षड़ज , रिषभ, गन्धार, मध्यम, पंचम, धैवत और निषाद.
- इसके आरोह में ऋषभ और धैवत स्वर का प्रयोग नहीं होता।
- इस राग का वादी स्वर धैवत और संवादी गान्धार होता है।
- राग का वादी स्वर धैवत और संवादी स्वर ऋषभ होता है।