धौत का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मम प्रिया को संदेशा पठाना मैं , धनपति के श्राप से दूर प्रिय से है अलकावती नाम नगरी हमारी यक्षेश्वरों की, विशद चंद्रिका धौत प्रासाद , है बन्धु गम्या तुम्हारी गगन पंथ चारी , तुम्हें देख वनिता स्वपति आगमन की लिये आश मन में निहारेंगी फिर फिर ले विश्वास की सांस अपने वदन से उठा रूक्ष अलकें तड़ित की आवाज की गर्जना और तद्नुसार चमकता प्रकाश ....
- कल ) "कल के लिए, आज का काम कल पर मत छोडो, कल बनाने की विद्या, कल धौत उत्सारण, गाम में पानी छिडकने कि कल, कल को, कल बनाने वाला, कुंजी कल, पंक्ति अंतरक कल, चारा काटने की कल, हाथ से चलाने की छापे की कल, सीने की कल, आज की कसौटी, बीता हुआ कल है, कल की बनावट, कल का नवाब, कल का, कल किसने देखा है, आज मेरी, कल तेरी, छापे इत्यादि की कल जो हाथ या इंजन से न चलाकर पैर से चलाई जाती है, कुंजी कल टेक
- क्षमा या कि प्रतिकार , जगत में क्या कर्त्तव्य मनुज का ? मरण या कि उच्छेद ? उचित उपचार कौन है रूज का ? बल - विवेक में कौन श्रेष्ठ है , असि वरेण्य या अनुनय ? पूजनीय रुधिराक्त विजय या करुणा - धौत पराजय ? दो में कौन पुनीत शिखा है ? आत्मा की या मन की ? शमित - तेज वय की मति शिव या गति उच्छल यौवन की ? जीवन की है श्रांति घोर ,हम जिसको वय कहते हैं , थके सिंह आदर्श ढूंढते , व्यंग - वाण सहते हैं ।