नपुंसकलिंग का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- 3 ) नपुंसकलिंग नक्षत्र : नपुंसकलिंग के अन्तर्गत मृगशिरा ( Mrigshira ) , मूल एवं शतभिषा इन तीन नक्षत्रों को रखा गया है।
- अनुच्छेद पाँच में लेखक का कहना है कि निपुंसकलिंग ( = नपुंसकलिंग ) का प्रयोग सिर्फ सहंसकिर्त ( = संस्कृत ) में ही होता है , भाखा में नहीं ।
- लिंग स्त्रीलिंग नपुंसकलिंग एकवचन सः [ वह ] सा [ वह ] तत [ वह ] वहुवचन ते [ वे ] ताः [ वे ] तानि [ वे ] एकवचन एषः [यह]
- एक एक लिंग के एकाक्षर से षडक्षर तक के अनेकार्थक शब्दों का क्रमशः छह कांडों में संग्रह है और प्रत्येक कांड के भी क्रमशः स्त्रीलिंग , पुंल्लिंग, नपुंसकलिंग, वाच्यर्लिंग तथा नानालिंग पाँच पाँच अध्याय है ।
- दक्षिण भारतीय ज्योतिष पद्धति में नक्षत्रों को कुल तीन लिंग वर्ग में बॉटा गया है जो क्रमश : इस प्रकार हैं 1 . स्त्रीलिंग 2 . पुल्लिंग 3 . नपुंसकलिंग ( In South Indian Astrology Nakshatras are divided into there categories of Linga which are 1 .
- दक्षिण भारतीय ज्योतिष पद्धति में नक्षत्रों को कुल तीन लिंग वर्ग में बॉटा गया है जो क्रमश : इस प्रकार हैं 1 . स्त्रीलिंग 2 . पुल्लिंग 3 . नपुंसकलिंग ( In South Indian Astrology Nakshatras are divided into there categories of Linga which are 1 .
- मुहूर्त संबध साहित्य बड़ा विशाल है ! मुहूर्त पुलिंग और नपुंसकलिंग है / '' मुहूर्तो द्वाद्शास्त्रियाम '' अर्थात एक मुहूर्त 12 क्षण का अर्थात चालू भाषा में 48 मिनट मात्र का होता है / यह एक दिन का 30 वां भाग है / यानी साढ़े सात घटी का एक प्रहर और आठ प्रहर की 24 घटी यानी दिन-रात और दो घटी बराबर एक मुहूर्त और 30 मुहूर्त बराबर एक दिन-रात /