नागमाता का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- नागमाता के शाप से भयभीत नागों ने वासुकि के नेतृत्व में सृष्टिकर्ता ब्रहमाजी के पास जाकर शाप से मुक्ति का उपाय पूछा तो उन्होंने बताया कि यायावर वंश में जन्मे तपस्वी जरत्कारु तुम्हारे बहनोई होंगे।
- अपने दावे को सही साबित करने के लिए नागमाता कद्रू ने अपने पुत्रों ( नागों ) को बाल के समान सूक्ष्म बनकर उच्चै : श्रवा अश्व के शरीर पर लिपटने का निर्देश दिया , किंतु नागों ने बात नहीं मानी।
- हनुमान की अद्भुत शक्ति की परीक्षा करने के लिए कुछ ऋषियों ने नागमाता सुरसा के पास जा कर कहा , ” हे नागमाता ! तुम जा कर वायुपुत्र हनुमान की यात्रा में विघ्न डाल कर उनकी परीक्षा लो कि वे लंका में जा कर रामचन्द्र का कार्य सफलता पूर्वक कर सकेंगे या नहीं।
- हनुमान की अद्भुत शक्ति की परीक्षा करने के लिए कुछ ऋषियों ने नागमाता सुरसा के पास जा कर कहा , ” हे नागमाता ! तुम जा कर वायुपुत्र हनुमान की यात्रा में विघ्न डाल कर उनकी परीक्षा लो कि वे लंका में जा कर रामचन्द्र का कार्य सफलता पूर्वक कर सकेंगे या नहीं।
- हनुमान के अद्भुत बल और पराक्रम की परीक्षा करने के लिये देवता , गन्धर्व, सिद्ध और महर्षियों ने नागमाता सुरसा के पास जा कर कहा, “हे नागमाता! तुम जा कर वायुपुत्र हनुमान की यात्रा में विघ्न डाल कर उनकी परीक्षा लो कि वे लंका में जा कर रामचन्द्र का कार्य सफलता पूर्वक कर पायेंगे या नहीं।”
- हनुमान के अद्भुत बल और पराक्रम की परीक्षा करने के लिये देवता , गन्धर्व, सिद्ध और महर्षियों ने नागमाता सुरसा के पास जा कर कहा, “हे नागमाता! तुम जा कर वायुपुत्र हनुमान की यात्रा में विघ्न डाल कर उनकी परीक्षा लो कि वे लंका में जा कर रामचन्द्र का कार्य सफलता पूर्वक कर पायेंगे या नहीं।”
- नागमाता कद्रि का पुत्र एरावत नागवन्श का महाप्रतापी राजा हुआ , उसकी पत्नी का नाम शोभा था, दोनो भगवान शन्कर के परम भक्त थे, लेकिन दोनों की एक भी सन्तान नही थी, एक दिन भगवान शन्कर नें उन्हे दर्शन दिए और कहा कि तुम्हे एक पुत्री रत्न की प्राप्ती होगी जो आठ महाप्रतापी पुत्रों को जन्म देगी।
- ============================= [ चार] सुरसा - हनुमान की अद्भुत शक्ति की परीक्षा करने के लिये कुछ ऋषियों ने नागमाता सुरसा के पास जा कर कहा था , “हे नागमाता ! तुम जा कर वायुपुत्र हनुमान की यात्रा में विघ्न डाल कर उनकी परीक्षा लो कि वे लंका में जा कर रामचन्द्र का कार्य सफलता पूर्वक कर सकेंगे या नहीं।”
- ============================= [ चार] सुरसा - हनुमान की अद्भुत शक्ति की परीक्षा करने के लिये कुछ ऋषियों ने नागमाता सुरसा के पास जा कर कहा था , “हे नागमाता ! तुम जा कर वायुपुत्र हनुमान की यात्रा में विघ्न डाल कर उनकी परीक्षा लो कि वे लंका में जा कर रामचन्द्र का कार्य सफलता पूर्वक कर सकेंगे या नहीं।”