नासपीटा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- वो रामजस खटिक ऐक आदमी को रस्ता बता रहा था कि सीधे चले जाईये , वहीं बगल मे एक शीघ्रपतन वाला घर आयेगा , बस वहीं से मुड जाईयेगा ...... नासपीटा ...... बोली बोल रहा था .......
- वो रामजस खटिक ऐक आदमी को रस्ता बता रहा था कि सीधे चले जाईये , वहीं बगल मे एक शीघ्रपतन वाला घर आयेगा , बस वहीं से मुड जाईयेगा ...... नासपीटा ...... बोली बोल रहा था .......
- प्रिय ब्लागर मित्रगणों , आज वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता में प. डी.के. शर्मा “वत्स”, की रचना पढिये.हिन्दी ब्लागिंग और टिप्पणियों का हिसाब-किताब (हास्य कथा)(दरवाजे पर दस्तक की आवाज)ललित शर्मा:- अरी ओर भगवान! जरा देखना तो सही कौन नासपीटा इतनी सुबह सुबह
- प्रिय ब्लागर मित्रगणों , आज वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता में प. डी.के. शर्मा “वत्स”, की रचना पढिये.हिन्दी ब्लागिंग और टिप्पणियों का हिसाब-किताब (हास्य कथा)(दरवाजे पर दस्तक की आवाज)ललित शर्मा:- अरी ओर भगवान! जरा देखना तो सही कौन नासपीटा इतनी सुबह सुबह...
- सुना है उनके दोस्त उनके बारे में एक ही सवाल बार-बार पूछते रहतें हैं कि वो नासपीटा तो जब भी मुंह खोलता है , मल, मूत्र या उनके निकास द्वारों के लोक-नामों से अपनी बात का श्री गणेश करता है।
- सुना है उनके दोस्त उनके बारे में एक ही सवाल बार-बार पूछते रहतें हैं कि वो नासपीटा तो जब भी मुंह खोलता है , मल , मूत्र या उनके निकास द्वारों के लोक-नामों से अपनी बात का श्री गणेश करता है।
- ( किसी लायक नहीं है ये नासपीटा … ' ) . लेकिन अब पता चल रहा है कि और किसी लायक रामधारी हो या न हो , फाईव स्टार होटल में रहने की लायकी उसमें बचपन से थी , तभी तो हम जिस ‘
- आगे भी दिन दूनी रात चौगनी प्रगति की कामना से हम भगवन् को उनकी पसंद का प्रसाद पहुंचाने और मक्खन लगाने में जुटे थे कि कोई नासपीटा , बुरी नज़र वाला,अक्ल का दुश्मन जलकुकड़ा हमारी रसोई पर, बिना कोई नोटिस दिए ,एक बड़ा सा ताला डाल गया ।
- वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगोता मे : पं.डी.के.शर्मा “वत्स” प्रिय ब्लागर मित्रगणों,आज वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता में प. डी.के. शर्मा “वत्स”, की रचना पढिये.हिन्दी ब्लागिंग और टिप्पणियों का हिसाब-किताब (हास्य कथा)(दरवाजे पर दस्तक की आवाज)ललित शर्मा:- अरी ओर भगवान! जरा देखना तो सही कौन नासपीटा इतनी सुबह सुबह दरवाजा खटकटा रहा है।
- आगे भी दिन दूनी रात चौगनी प्रगति की कामना से हम भगवन् को उनकी पसंद का प्रसाद पहुंचाने और मक्खन लगाने में जुटे थे कि कोई नासपीटा , बुरी नज़र वाला , अक्ल का दुश्मन जलकुकड़ा हमारी रसोई पर , बिना कोई नोटिस दिए , एक बड़ा सा ताला डाल गया ।