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निखरना का अर्थ

निखरना अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. तनाव कम होना , अच्छी नींद आना, तरो-ताज़ा महसूस करना और सौंदर्य निखरना यह सब गुलाब जल के लगातार इस्तमाल से ही होता है।
  2. मैंने बोला है उसे सलीका सीखने को कहा है कि खैर करे यूँ नहीं निखरना चाहिए उसके चेहरे का रंग छत की मुंडेरों तक कैद रखे वह अपने देह की खुशबू मुझे मेरी कविता के मध्य में मोहल्ले मैं फैली कल्पकथा नहीं चाहिए !
  3. रेती पर लिखे नाम जैसा , मुझको दो घड़ी उभरना था मलयानिल के बहकाने पर, बस एक प्रभात निखरना था गूंगे के मनोभाव जैसे, वाणी स्वीकार न कर पाए ऐसे ही मेरा हृदय-कुसुम, असमर्पित सूख बिखरना था जैसे कोई प्यासा मरता, जल के अभाव में विष पी ले मेरे जीवन में भी कोई, ऐसी मजबूरी रहनी थी
  4. रेती पर लिखे नाम जैसा , मुझको दो घड़ी उभरना था मलयानिल के बहकाने पर , बस एक प्रभात निखरना था गूंगे के मनोभाव जैसे , वाणी स्वीकार न कर पाए ऐसे ही मेरा हृदय-कुसुम , असमर्पित सूख बिखरना था जैसे कोई प्यासा मरता , जल के अभाव में विष पी ले मेरे जीवन में भी कोई , ऐसी मजबूरी रहनी थी
  5. जानती हूँ . .. अभी और तपना है ... निखरना है ... कसौटी पर खरा उतरना है सिद्ध करना है स्वयं को ताकि न्यायसंगत हो सके मेरा वजूद अकाल मृत्यु का डर मझे नहीं जब तक मनुष्य रहेगा - कुछ पाने की होड़ रहेगी - सपने देखने की कूवत रहेगी - एक मरणासन की आखरी उम्मीद बनकर भी जीवित रहूंगी मैं .... !
  6. जानती हूँ . .. अभी और तपना है ... निखरना है ... कसौटी पर खरा उतरना है सिद्ध करना है स्वयं को ताकि न्यायसंगत हो सके मेरा वजूद अकाल मृत्यु का डर मझे नहीं जब तक मनुष्य रहेगा - कुछ पाने की होड़ रहेगी - सपने देखने की कूवत रहेगी - एक मरणासन की आखरी उम्मीद बनकर भी जीवित रहूंगी मैं .... !
  7. उड़ने दो . ....... महसूस करने दो,हवा की नमी को,मिट्टी की खुशबू को,देखने दो अक्स अपना,नदी में,तालाब में,सहने दो ,धूप की तपिश को,वक़्त के थपेड़ो को,बिखरने दो ,अपनी पहचान को,बस उड़ने दो,इस नीले आसमान में,पंख लगा दो,मेरे अरमानो को,उलझने दो,मेरे ख्यालों को,उलझने से ही तो सुलझना होगापंखो से ही हवा महसूस होगी,बिखरने से ही निखरना होगा,धूप से अक्स और गहरा होगा,ये वक़्त ये जहां, सब मेरा होगा.....अंश :)
  8. सुर्ख जोड़े की ये जगमगाहट , शोख बिंदिया की ये झिलमिलाहट चूड़ियों का ये रंगीं तराना, धड़कनों का ये सपना सुहाना जागा जागा सा कजरे का जादू, भीनी भीनी सी गजरे की खुशबू नर्म होठों का ये कंपकंपाना, गर्म चेहरे का ये तमतमाना जिस्म का महका महका पसीना, हुस्न का दहका दहका नगीना झांझरों का ये छमछम के बजना, ये संवरना निखरना ये सजना किसकी खातिर है किसके लिये है, किसकी खातिर है किसके लिये है
  9. गुलज़ारे तमन्ना का निखरना भी यहीं है इस्लाम की तालीम से बेगाना हुआ तू दामन गुले मकसूद से भरना भी यहीं है ना महरमे हर जुरअतेरिन्दानह हुआ तू हर मुश्किल-ओ-आसां से गुज़रना भी यहीं है आबादी-ए-हर बज़्म था वीराना हुआ तू जीना भी यहीं है जिसे मरना भी यहीं है तू एक हकीकत था अब अफ़साना हुआ तू क्यूं मन्जिले मकसूद से भटक जाये वो इंसां मुमकिन हो तो फिर ढूंढ गंवाये हुए सामां भारत के मुसलमां भारत के मुसलमां
  10. ” एक कविता जो पिघली थी मेरे दिल में जो बहती थी मेरे मन में आज बिखरी है , -तुम्हें अच्छी लगेगी मैं जानता हूँ इस कदर मेरा बिखरना -तुम्हें अच्छा लगा है रगड़ कर मेरा निखरना तुम्हें सच्चा लगा है मेरा बिखरना देख कर तुम खुश हुए कविता समझ कर इस आचरण के व्याकरण पर गौर कर लो बियांबान दौर में जब सत्य भी सन्नाटे से सहमा था मैं चीखा था मेरे बयानों में जो कांपती आवाज में दर्ज था , - वह दर्द तेरा था
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