निभना का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कष्ट-भार से बोझिल मन को , विचलित होने पर समझाया ; भाँति शलभ की , दुःख की लौ पर , मिटना ही सीखा जीवन में ; निभना ही सीखा .......................................................... । १ । शूल-सुमन दोनों को एक सम , इस जीवन में प्यार किया है ;
- न तो थोड़ा , ना तो ज्यादा तितली सा फरेबी चटकीला, है मन काला निभना भी है मुश्किल न तो मीरा, ना तो राधा मिन्नत हैं बेअसीरी कोई मुझको न समझाना मुझे याद नहीं अब कुछ ना तो रिश्ता, ना तो वादा जीने की अदा सीखी दुनिया ! तुझी से जाना ज़िंदा है वही बस जो ना तो अच्छा, ना तो सादा ।।
- कोमल -सबल सभी से मिल कर , हँसना ही सीखा जीवन में ; निभना ही सीखा ........................................................ । ४ । जब भी जिसको वचन दिया जो , उसको पूरी तौर निभाया ; हँस कर ही टाला है मग में , कंकड़ -पत्थर , जो भी आया ; कष्ट पड़े कितने भी , प्रण पर टिकना ही सीखा जीवन में ; निभना ही सीखा ........................................................ । ५ ।
- कोमल -सबल सभी से मिल कर , हँसना ही सीखा जीवन में ; निभना ही सीखा ........................................................ । ४ । जब भी जिसको वचन दिया जो , उसको पूरी तौर निभाया ; हँस कर ही टाला है मग में , कंकड़ -पत्थर , जो भी आया ; कष्ट पड़े कितने भी , प्रण पर टिकना ही सीखा जीवन में ; निभना ही सीखा ........................................................ । ५ ।
- कोमल -सबल सभी से मिल कर , हँसना ही सीखा जीवन में ; निभना ही सीखा ........................................................ । ४ । जब भी जिसको वचन दिया जो , उसको पूरी तौर निभाया ; हँस कर ही टाला है मग में , कंकड़ -पत्थर , जो भी आया ; कष्ट पड़े कितने भी , प्रण पर टिकना ही सीखा जीवन में ; निभना ही सीखा ........................................................ । ५ ।
- कोमल -सबल सभी से मिल कर , हँसना ही सीखा जीवन में ; निभना ही सीखा ........................................................ । ४ । जब भी जिसको वचन दिया जो , उसको पूरी तौर निभाया ; हँस कर ही टाला है मग में , कंकड़ -पत्थर , जो भी आया ; कष्ट पड़े कितने भी , प्रण पर टिकना ही सीखा जीवन में ; निभना ही सीखा ........................................................ । ५ ।