निर्भाव का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- भावों के माध्यम से निर्भाव की स्थिति में पहुंचनें के लिए मनुष्य को जो कुछ भी तन , मन एवं बुद्धि के सहयोग से करना होता है उसे कर्म कहते हैं /
- सभी के परिप्रेक्ष्य अलग अलग हैं -मैं ऐसी खबरे / स्थितिं में क्षण भर को स्तब्ध रह फिर निर्भाव हो जाता हूँ -अब जो होना था सो हो गया -उसे बदला नहीं जा सकता ....
- वर्मा के सूखे चेहरे पर लानत बरस रही थी और हनुमान का चेहरा एकदम निर्भाव था , लेकिन उसके मोटे-मोटे होंठ कुछ ऐसे बने थे कि लगता था , जैसे वे हमेशा मुस्कुराते रहते हों।
- pmसभी के परिप्रेक्ष्य अलग अलग हैं -मैं ऐसी खबरे / स्थितिं में क्षण भर को स्तब्ध रह फिर निर्भाव हो जाता हूँ -अब जो होना था सो हो गया -उसे बदला नहीं जा सकता ....प्रत्युत्तर देंहटाएंरचना5:38
- सद्गुरु जी , आपका आलेख पढते-पढते उसी में रम गयी आपकी बेटी का प्रसंग बहुत ही मनोहारी लगा बच्चों की निस्वार्थ व निर्भाव कार्य ही मनमोहक होते हैं वे तो स्वतः ही पारदर्शी हैं ..
- गीता का प्रभु साकार है , निराकार है , भावों में है , निर्भाव है , वह सब में है , वह सब के परे है , वह सभी जड़ - चेतन भी है ।
- गीता का प्रभु साकार है , निराकार है , भावों में है , निर्भाव है , वह सब में है , वह सब के परे है , वह सभी जड़ - चेतन भी है ।
- इसीलिये उस सपने में अपनी जगह अनी दिखती है मुझे , ठीक उसी जगह - हताश , टूटी हुइ , निचुड़ी हुई-सी , कभी-कभी रोती-बिलखती , कभी बिसूरती , निस्सहाय , अकेली अनी . उसकी निर्भाव आंखें ...
- उसने बगैर किसी कौतुहूल के युवक की ओर देखा ' निर्भाव बोला ;; ' मोह पाश का अंघा मनुष्य जीवन पर्यन्त अपने क्रत्यों और उसूलों के बीच झूलता सही और गलत का निर्णय ही नहीं ले पाता ।खै र. ..
- उसने बगैर किसी कौतुहूल के युवक की ओर देखा ' निर्भाव बोला ;; ' मोह पाश का अंघा मनुष्य जीवन पर्यन्त अपने क्रत्यों और उसूलों के बीच झूलता सही और गलत का निर्णय ही नहीं ले पाता ।खै र. ..