निर्व्याज का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- पर सच कहूँ तो उसके ‘ मुझे औरत चाहिए ' के निर्व्याज कथन ने ही मुझे निरस्त्र कर दिया - मुझे भी लगा कि इस जन्तुत्व के स्तर पर मानव ताड़नीय नहीं , दयनीय है।
- इस दृष्टि से इस में नारी मन की कोमल भावनाओं , जैसे सखा अर्थात पति के पति निर्व्याज समर्पंण , गृहिणी की छवि ,कर्तव्यपरायणता आदि उदात्त भावनाओं की कुशल व्यंजना हुई है ,जिस ने मुंझे अधिक पभावित किया ।
- उनकी संगीत साधना , ज्ञान और स्नेह की निर्व्याज और सतत प्रवाहित स्रोतस्विनी में जिसे भी एक बार अवगाहन करने का सुयोग मिला है , वह इस अनुभूति से कृतार्थता का अनुभव किए बिना नहीं रह सका है।
- जैसे सूर्य की किरणें निर्व्याज भाव से सभी को आलोकित करती है , ऊष्मा पहुंचाती है और चांद की किरणें सभी जगह फैलती हैं तथा सभी को अपने धवल-शीतल आगोश में सहलाती और तापमुक्त करती हैं , ....
- इस दृष्टि से इस में नारी मन की कोमल भावनाओं , जैसे सखा अर्थात पति के पति निर्व्याज समर्पंण , गृहिणी की छवि , कर्तव्यपरायणता आदि उदात्त भावनाओं की कुशल व्यंजना हुई है , जिस ने मुंझे अधिक पभावित किया ।
- जैसे सूर्य की किरणें निर्व्याज भाव से सभी को आलोकित करती है , ऊष्मा पहुंचाती है और चांद की किरणें सभी जगह फैलती हैं तथा सभी को अपने धवल-शीतल आगोश में सहलाती और तापमुक्त करती हैं , कुछ ऐसा ही व्यक्तित्व है अनिता संघवी का।
- मैं एक लाचार चीख हूँ तुमसे भीख मांगती हूँ डॉक्टरकि पिताश्री के आने के परअपना चाकू उन्हें थमा देनाऔर कहना- कि मैं भी जिंदगी से जुड़ना चाहती थीमैं भी गरुड़ की तरह तूफान में उड़ना चाहती थीअपनी साठ करोड़ बहनों को बाघिन , शेरनी बनाना चाहती थीऔर सारी दरिंदगी, हैवानियत को इक बारगी ग्रस जाना चाहती थीशोषण के तमाम ठिकानों परबदन से बम बांधकर निर्व्याज बरस जाना चाहती थी ...
- सुदर्शना सब ओर से छुटी , इस समूचे अँधेरे सन्नाटे भरे शून्य के बीच में से निरुद्देश्य अनजानी रा ह पर जि सके साथ चली जा रही है , उसी के प्रति वह अपने में शंका कहाँ से लाए ? वह चली ही जा रही है , शब्दहीन , संदेहहीन , निर्व्याज और सम्यगभाव से , जिसे करने को न प्रश्न की आवश्यकता है , न उत्तर की अपेक्षा है।
- सुदर्शना सब ओर से छुटी , इस समूचे अँधेरे सन्नाटे भरे शून्य के बीच में से निरुद्देश्य अनजानी रा ह पर जि सके साथ चली जा रही है , उसी के प्रति वह अपने में शंका कहाँ से लाए ? वह चली ही जा रही है , शब्दहीन , संदेहहीन , निर्व्याज और सम्यगभाव से , जिसे करने को न प्रश्न की आवश्यकता है , न उत्तर की अपेक्षा है।