न्याय-दर्शन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- उनकी अपनी जीवनियों और मुहम्मद साहब के जीवन और कथनों के बारे में उनके द्वारा दिए गए बयानों को इस्लामी क़ानून ( ' शरिया ' ) , जीवन-रीति व परम्परा ( ' सुन्नाह ' ) और न्याय-दर्शन ( ' फ़िक़्ह ' ) के विकास में भारी महत्व दिया गया।