पंचतत्त्व का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- हे महादेवी ! पंचतत्त्व स्वयं सदाशिव , ब्रह्मा और विष्णु स्वरुप हैं ।
- जब ‘ जीव ' निकल जाता तन से , फिर पंचतत्त्व कब रुकते हैं।
- आकाश , वायु , जल , अग्नि आदि पंचतत्त्व उसी की महिमा गाते हैं।
- एक दिन कमजोरी के कारण ' नैना' सदा के लिए पंचतत्त्व में विलीन हो गई.
- पंडितों ने व्याख्या की , ‘ जब तक पंचतत्त्व अलग-अलग रहेंगे , सृष्टि नहीं होगी।
- दिनांक 21 . 09 .2008 को इनके पार्थिव शरीर को पंचतत्त्व में विलिन कर दिया गया ।
- अंगुलियों में पंचतत्त्व अंगुष्ठ - अग्नि , तर्जनी- वायु , मध्यमा- आकाश , अनामिका- पृथ्वी , कनिष्ठा - जल।
- संगीत में पंचम स्वर , तत्त्व में पंचतत्त्व तिथियों में पंचमी तिथि इत्यादि उँगली से गणना के परिणाम हैं।
- पिछले अंक में इस चिकित्सा पद्धति के दार्शनिक परिचय के क्रम में पंचतत्त्व के सिद्धांत का उल्लेख आवश्यक है।
- इसके आधार हैं- पंचतत्त्व - आकाश तत्त्व , वायु तत्त्व , अग्नि तत्त्व , जल तत्त्व और पृथ्वी तत्त्व ।