पंचमुखी रुद्राक्ष का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- रूप की दृष्टि से अनेक प्रकार के रुद्राक्ष पाए जाते हैं , जैसे-एकमुखी से चतुर्दश तकएकमुखी दो मुखी तथा पंचमुखी रुद्राक्ष को साक्षात शिव का स्वरूप
- गुप्त इन्द्रिय सम्बंधित कोई भी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति यदि पंचमुखी रुद्राक्ष के लेप कों मक्खन या नारियल के तेल में मिला के लगाने से फायदा होता है।
- माला बनाकर धारण करने के लिए पंचमुखी रुद्राक्ष सर्वाधिक लोकप्रिय है लेकिन ग्यारह मुखी और चौदह मुखी रुद्राक्ष का विशेष महत्व है जो अत्यंत कठिनाई से प्राप्त होता है।
- प्रातः स्नानादि के पश्चात सूर्य को जल देना , गुरु के मंत्र का जाप करना और पंचमुखी रुद्राक्ष की माला धारण करना आपके स्वास्थ्य को आने वाले कष्ट से कुछ निजात दिला सकता है।
- पंचमुखी रुद्राक्ष : इस रुद्राक्ष को पंच महा तत्वों का प्रतीक माना गया है जो दीर्घायु , सर्वकल्याण , उपार्जित धन-जायदाद में वृद्धि , बुद्धि-कौशल व मंगलप्रदायक कार्यों की सिद्धि में पूर्ण रूप से सहायक होता है।
- पांच मुखी रुद्राक्ष कालाग्नि के समान रूद्र स्वरुप है | पंचमुखी रुद्राक्ष को परमपिता परमेश्वर का स्वरुप माना गया है | इसको धारण करने से सर्वशक्तिमान परमपिता परमेश्वर सदाशिव अति प्रसन्न हो कर समृद्धि प्रदान करते है |
- पंचमुखी रुद्राक्ष स्वयं कालाग्नि नाम रुद्र का स्वरूप है , पर-स्त्री गमन करने से जो पाप बनता है तथा अभक्ष्य भक्षण करने से जो पाप लगता है वह सब पंचमुखी रुद्राक्ष के धारण करने से नष्ट हो जाते हैं।
- पंचमुखी रुद्राक्ष स्वयं कालाग्नि नाम रुद्र का स्वरूप है , पर-स्त्री गमन करने से जो पाप बनता है तथा अभक्ष्य भक्षण करने से जो पाप लगता है वह सब पंचमुखी रुद्राक्ष के धारण करने से नष्ट हो जाते हैं।
- अत्यधिक बढे हुए रक्तचाप के रोगियों को यदि आक के फूलों की माला पहनाई जावे तो रक्तचाप नियंत्रण के लिये विशेष उपयोगी मानी जाती है इसके अतिरिक्त ऐसे रोगियों को पंचमुखी रुद्राक्ष की माला भी स्थाई रुप से पहनाई जा सकती है ।
- अत्यधिक बढे हुए रक्तचाप के रोगियों को यदि आक के फूलों की माला पहनाई जावे तो रक्तचाप नियंत्रण के लिये विशेष उपयोगी मानी जाती है इसके अतिरिक्त ऐसे रोगियों को पंचमुखी रुद्राक्ष की माला भी स्थाई रुप से पहनाई जा सकती है ।