पद-चिह्न का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- नींद भी मेरी अचल निस्पंद कण-कण में , प्रथम जागृति थी जगत के प्रथम स्पंदन में , प्रलय में मेरा पता पद-चिह्न जीवन में।
- सूर्य के आगमन से पहले उसके पद-चिह्न , आकाश में बादलों के छिटकते टुकड़े के रूप में श्यामल से नारंगी होते दिखाई दे रहे थे।
- सूर्य के आगमन से पहले उसके पद-चिह्न , आकाश में बादलों के छिटकते टुकड़े के रूप में श्यामल से नारंगी होते दिखाई दे रहे थे।
- यह क्यों ? हमारे ऋषि मुनि दिव्य ज्ञान और ऋतम्भरा प्रज्ञा के कारण जो पद-चिह्न छोड़ गये हैं , हम तो केवल उनका अनुकरण मात्र ही कर सकते हैं।
- कहीं कुछ नहीं-केवल बर्फ पर कुछ-एक पद-चिह्न झील की ओर जाते हुए और झील के किनारे तक जाकर लुप्त-और उससे आगे कुछ नहीं , केवल अभेद्य अवगुंठन डाले हुए चिरन्तन सौन्दर्य-नीरव सस्मित , रहस्यमय ...
- इधर देवी ने प्रकट होने के पश्चात् देवाधिदेव महादेव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या प्रारंभ की जहां शिला पर सती के पद-चिह्न का अंकन आज भी देखा जा सकता है।
- मैं प्रथम चमत्कृत रश्मिरथी बन निकल पडा पथ पर बाहर नापता रहा अनवरत जगत की भूल-भुलैया भरी डगर ग्रह नक्षत्रों के बीच विविध छोडा हमने पद-चिह्न जाल -लघु नहीं हमारी यात्रा उसमें लग जायेंगे दीर्घकाल ।।
- पद-चिह्नो पर चलकर तुम भीकोई राह नहीं पाओगेचिह्न बनाकर आगे बढ़तेकोई राह ढूँढ पाओगेसच मे पद-चिह्नो पर चलने वाले बहुत हे , लेकिन अपने पद-चिह्न बना कर जो चलते हे वोही राह भी पाते हे, धन्यवाद इतनी सुन्दर कविता के लिये.
- कारण यह है कि अल्लाह के पद-चिह्न तो हैं नहीं जिनके पीछे चला जा य . द ूसरी बात यह है कि रसूल के आदेश भले ही वह उनकी ज़बान से निकले हों वास्तव में अल्लाह के आदेश ही हैं .
- पद-चिह्नो पर चलकर तुम भी कोई राह नहीं पाओगे चिह्न बनाकर आगे बढ़ते कोई राह ढूँढ पाओगे सच मे पद-चिह्नो पर चलने वाले बहुत हे , लेकिन अपने पद-चिह्न बना कर जो चलते हे वोही राह भी पाते हे, धन्यवाद इतनी सुन्दर कविता के लिये.