पाढ़ा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- सन् 1790 में प्रथम बार राजाओं , सामंतो व जमींदारों से परे सामान्य जन रूप में बारह ब्राहमणों ने नदिया जनपद के गुप्ती पाढ़ा नामक स्थान पर सामूहिक रूप से दुर्गा-पूजा का आयोजन किया , तब से यह धीरे-धीरे सामान्य जनजीवन में भी लोकप्रिय होता गया।
- इसके अतिरिक्त पिछले डेढ़ दशक में दुधवा टाइगर रिजर्व क्षेत्र के जंगल में तीन दर्जन से ऊपर चीतल , पाढ़ा प्रजाति के हिरन , भालू , मगरमच्छ , फिसिंग कैट समेत दुर्लभ प्रजाति के तमाम वन्यजीव रेलगाड़ियों की चपेट में आने से असमायिक मौत का शिकार बन चुके हैं।
- इसके अतिरिक्त पिछले डेढ़ दशक में दुधवा टाइगर रिजर्व क्षेत्र के जंगल में तीन दर्जन से ऊपर चीतल , पाढ़ा प्रजाति के हिरन , भालू , मगरमच्छ , फिसिंग कैट समेत दुर्लभ प्रजाति के तमाम वन्यजीव रेलगाड़ियों की चपेट में आने से असमायिक मौत का शिकार बन चुके हैं।
- दुधवा राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना के समय यहां बाघ , तेंदुए, गैंड़ा, हाथी, बारासिंहा, चीतल, पाढ़ा, कांकड़, कृष्ण मृग, चौसिंघा, सांभर, नीलगाय, वाइल्ड डाग, भेड़िया, लकड़बग्घा, सियार, लोमड़ी, हिस्पिड हेयर, रैटेल, ब्लैक नेक्ड स्टार्क, वूली नेक्ड स्टार्क, ओपेन बिल्ड स्टार्क, पैन्टेड स्टार्क, बेन्गाल फ़्लोरिकन, पार्क्युपाइन, फ़्लाइंग स्क्वैरल के अतिरिक्त पक्षियों, सरीसृपों, एम्फीबियन, पाइसेज व अर्थोपोड्स की लाखों प्रजातियां निवास करती थी।
- वहीं उत्तर प्रदेश के एकमात्र दुधवा टाइगर रिजर्व के जंगल के बीच से निकली रेल लाइन पर ट्रेनों की टक्कर से पिछले डेढ़ दशक में आधा दर्जन हाथी , चार बाघ , भालू , मगरमच्छ , फिसिंग कैट , दर्जनों चीतल , पाढ़ा आदि प्रजाति के हिरनों के साथ दुलर्भ प्रजाति के तमाम विलुप्तप्राय वन्यजीव-जन्तु असमय काल कवलित हो चुके हैं।
- वहीं उत्तर प्रदेश के एकमात्र दुधवा टाइगर रिजर्व के जंगल के बीच से निकली रेल लाइन पर ट्रेनों की टक्कर से पिछले डेढ़ दशक में आधा दर्जन हाथी , चार बाघ , भालू , मगरमच्छ , फिसिंग कैट , दर्जनों चीतल , पाढ़ा आदि प्रजाति के हिरनों के साथ दुलर्भ प्रजाति के तमाम विलुप्तप्राय वन्यजीव-जन्तु असमय काल कवलित हो चुके हैं।
- कार्यक्रम में अकाली दल के राष्ट्रीय महासचिव प्रेम सिंह चंदूमाजरा , एसजीपीसी उपाध्यक्ष रघुजीत सिंह विर्क , रवि विर्क , अमर सिंह , इन्द्री के इनेलो विधायक डॉ . अशोक कश्यप , नीलोखेड़ी विधायक मामूराम गोंदर , इनेलो विधायक नरेन्द्र सांगवान , कृष्ण पंवार , इनेलो जिलाध्यक्ष राणा यशवीर कुक्कू , हलकाध्यक्ष बलजीत टूर्ण , इन्द्रजीत जलमाना , हरि सिंह सन्धू , धर्मवीर पाढ़ा , मुख्त्यार सिंह वड़ैच , प्रकाश जयसिंहपुर , रामपाल ललैण , डा .
- दुधवा राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना के समय यहां बाघ , तेंदुए , गैण्डा , हाथी , बारहसिंगा , चीतल , पाढ़ा , कांकड़ , कृष्ण मृग , चौसिंगा , सांभर , नीलगाय , वाइल्ड डाग , भेड़िया , लकड़बग्घा , सियार , लोमड़ी , हिस्पिड हेयर , रैटेल , ब्लैक नेक्ड स्टार्क , वूली नेक्ड स्टार्क , ओपेन बिल्ड स्टार्क , पैन्टेड स्टार्क , बेन्गाल फ़्लोरिकन , पार्क्युपाइन , फ़्लाइंग स्क्वैरल के अतिरिक्त पक्षियों , सरीसृपों , उभयचर , मछलियाँ व अर्थोपोड्स की लाखों प्रजातियां निवास करती थी।
- दुधवा राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना के समय यहां बाघ , तेंदुए , गैण्डा , हाथी , बारहसिंगा , चीतल , पाढ़ा , कांकड़ , कृष्ण मृग , चौसिंगा , सांभर , नीलगाय , वाइल्ड डाग , भेड़िया , लकड़बग्घा , सियार , लोमड़ी , हिस्पिड हेयर , रैटेल , ब्लैक नेक्ड स्टार्क , वूली नेक्ड स्टार्क , ओपेन बिल्ड स्टार्क , पैन्टेड स्टार्क , बेन्गाल फ़्लोरिकन , पार्क्युपाइन , फ़्लाइंग स्क्वैरल के अतिरिक्त पक्षियों , सरीसृपों , उभयचर , मछलियाँ व अर्थोपोड्स की लाखों प्रजातियां निवास करती थी।