पाणिनीय का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- पाणिनीय व्याकरण की महत्ता पर विद्वानों के विचार :
- काशिकावृत्ति , पाणिनीय “अष्टाध्यायी” पर 7वीं शताब्दी ई.
- काशिकावृत्ति , पाणिनीय “अष्टाध्यायी” पर 7वीं शताब्दी ई.
- यह पाणिनीय व्याकरण से कुछ भिन्न था।
- पाणिनीय व्याकरण ( अष्टाध्यायी) में इसके संबंध में नियम है-
- ' अव्युत्पन्नानि प्रातिपादिकानि' पाणिनीय मत का एक बहुचर्चित पक्ष है।
- सिद्धान्तकौमुदी पाणिनीय सूत्रों की वृत्ति है और मनोरमा उसकी व्याख्या।
- ” संसार के व्याकरणों में पाणिनीय व्याकरण सर्वशिरोमणि है . ..
- पाश्चात्त्य भाषावेत्ताओं ने पाणिनीय धातु-पाठ की प्रचुर मीमांसा की है।
- इन वार्तिकों के बिना पाणिनीय व्याकरण अधूरा सा रहा जाता।