पारलौकिक ज्ञान का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- यह भावना इस कवि को लोक से जोड़ती है , जीवन से जोड़ती है , स्वामी विवेकानन्दजी के इस विचार की तरह ही- “ पारलौकिक ज्ञान एवं प्रेम सार्थक तब होते हैं , जब हम यथार्थ से , इस लोक से जुड़े रहें और हताश हुए व्यक्तियों के प्रति दया एवं करुणा की अनुभूति करते रहें।
- स्कन्द पुराण भगवान कार्तिकेय पर आधारित पुराण है यह पुराण एक बहुत बड़ा पुराण है जिसमें लौकिक एवं पारलौकिक ज्ञान के अनेक उदाहरण प्रस्तुत होते हैं स्कन्द पुराण में धर्म , नीति सदाचार , योग , ज्ञान तथा भक्ति का सुंदर विवरण प्रस्तुत किया गया है , स्कन्द पुराण में भगवान शिव व सती की महिमा , शिव पार्वती विवाह , कार्तिकेय ( स्कंद ) का जन्म , तारकासुर का वध आदि घटनाओं पर वर्णन किया गया है .