पिछवाई का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- श्रीनाथजी के प्रतिदिन के दर्शन में अलग - अलग पिछवाई लगाई जाती है जो उस दिन के महत्व के अनुसार होती है।
- श्रृंगार के साथ मन्दिर की साज सज्जा के पर्दे ( टेर), पिछवाई, खंडपाठ चौकी, पीठिका आदि का भी आवश्यक प्रबंध किया गया है।
- श्रृंगार के साथ मन्दिर की साज सज्जा के पर्दे ( टेर ) , पिछवाई , खंडपाठ चौकी , पीठिका आदि का भी आवश्यक प्रबंध किया गया है।
- श्रृंगार के साथ मन्दिर की साज सज्जा के पर्दे ( टेर ) , पिछवाई , खंडपाठ चौकी , पीठिका आदि का भी आवश्यक प्रबंध किया गया है।
- श्रीनाथजी के स्वरूप के पीछे बड़े आकार के कपड़े पर जो पर्दे बनाये जाते हैं , उन्हें पिछवाई कहते हैं , जो नाथद्वारा शैली की मौलिक देन है।
- पिछवाई के पर्दे पर मध्य में एक प्रमुख दृश्य होता है और चारों ओर दो पतले किनारों के बीच में एक चौड़ा किनारा या बोर्डर बनाया जाता है।
- कुछ भारतीय कलाकृतियाँ , पुरातन वस्तुयें, पिछवाई पेंटिंग्स, शहतूश शॉलें, सिक्के आदि इटली की दो दुकानों, (जिनकी मालिक सोनिया की बहन अनुस्का हैं) में आम तौर पर देखी जाती हैं।
- कुछ भारतीय कलाकृतियाँ , पुरातन वस्तुयें, पिछवाई पेंटिंग्स, शहतूश शॉलें, सिक्के आदि इटली की दो दुकानों, (जिनकी मालिक सोनिया की बहन अनुस्का हैं) में आम तौर पर देखी जाती हैं।
- रागमाला के अतिरिक्त यहाँ नायिका भेद , सूर-~ सागर, भागवत पुराण, रसभवंरी, कुमारसंभव गीतगोविन्द, रामायणः हरिवंश, गजेन्द्रमोक्ष, मुल्ला दो प्याला, रसिकप्रियाः के अतिरिक्त पिछवाई एवं व्यक्तिचित्र तथा शिकार-चित्र भीचित्रित हुए है.
- समय के साथ पिछवाई कला भी व्यावसायिक हो गई तथा मात्र मंदिर में सजाने की कला नहीं रही अपितु इसे घरों के ड्राइंग रूम में भी सजाने में लिया जाने लगा।