पिप्पलाद ऋषि का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- उन्होंने पिप्पलाद ऋषि से जिज्ञासा की तो महर्षि ने उनसे कहा , तुम लोग तपस्वी हो , तुमने ब्रह्मचर्य के पालन पूर्वक सांगोपांग वेदाध्ययन किया है तथापि परब्रह्म के सम्बन्ध में जानने के लिए मेरे आश्रम में रह कर एक वर्ष तक पुनः ब्रह्मचर्य का पालने करते हुए तप करो ।।
- पिप्पलाद ऋषि के कथन को सुन कत्य ऋषि के प्रपौत्र कबंधी उनसे पूछते हैं कि हे ऋषि पिप्पलाद महिम श्रेष्ठ कृपा कर यह बताएं कि इस सृष्टि का निर्माण किसके द्वारा संभव हो पाया , किसने वास्तव में जीव को उत्पन्न किया कैसे किसके विधान द्वारा यह हो पाया कौन इस तत्व का कारण बना है .