पूर्वाषाढ़ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- वैदिक ज्योतिष के अनुसार हाथ के पंखे को पूर्वाषाढ़ नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह माना जाता है जो अपने विभिन्न उपयोगों के माध्यम से विभिन्न प्रकार की विशेषताएं प्रदर्शित करता है।
- पूर्वाषाढ़ तथा उत्तराषाढ़ नक्षत्र भी उसी प्रकार से जोड़ा बनाते हैं जिस प्रकार पूर्वाफाल्गुणी तथा उत्तरा फाल्गुनी जिसके चलते इन दोनों नक्षत्रों के चरित्र में कुछ समानताएं भी पायीं जातीं हैं।
- अपने लक्ष्य को अपने से छिनता देखकर पूर्वाषाढ़ के जातक बहुत उग्र , निष्ठुर तथा हिंसक भी हो सकते हैं तथा किसी प्रकार की विनाशकारी लीला को भी अंजाम दे सकते हैं।
- सत्ताईस नक्षत्र- अश्विनी , भरणी, कृतिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, अश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्ति, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़, उत्तराषाढ़, श्रावण, घनिष्ठा, शतभिषी, पूर्व भाद्रपद, उत्तर भाद्रपद, रेवती, मूल
- ज्योतिषविद् जगदीश सोनी के मुताबिक ग्रहण शुक्र ग्रह के नक्षत्र पूर्वाषाढ़ और धनु राशि में घटित होने के कारण इस नक्षत्र और राशि के जातकों के लिए विशेष परेशानी वाला हो सकता है।
- अगर अष्टमी के दिन की बात करें तो इस बार अष्टमी शनिवार को आ रही है शुरुआत पूर्वाषाढ़ नक्षत्र में होगी , लेकिन सुबह 7 बजकर 48 मिनट पर उत्तराषाढ़ नक्षत्र आरंभ हो जाएगा .
- पूर्वाषाढ़ के जातकों में अव्यवहारिक लक्ष्यों को प्राप्त करने की प्रबल रूचि भी पायी जाती है जिसके चलते ये जातक अपना बहुत सा समय ऐसे ही अव्यवहारिक लक्ष्यों की प्राप्ति में व्यर्थ गंवा देते हैं।
- जिस प्रकार हाथ के पंखे को चलाने के लिए लगातार परिश्रम की आवश्यकता होती है उसी प्रकार पूर्वाषाढ़ के जातक भी किसी कार्य को करने के लिए कठिन से कठिन परिश्रम करने में सक्षम होते हैं।
- वर्ष 2011 का पहला अल्प खंडग्रास सूर्य ग्रहण 4 जनवरी कोभारतीय समयानुसार दोपहर 2 : 44 पर वृष लग्न , कुंभ नवमांश , धनु राशि , पूर्वाषाढ़ नक्षत्र के द्वितीय चरण और ध्रुव योग में घटित होगा।
- वर्ष 2011 का पहला अल्प खंडग्रास सूर्य ग्रहण 4 जनवरी कोभारतीय समयानुसार दोपहर 2 : 44 पर वृष लग्न , कुंभ नवमांश , धनु राशि , पूर्वाषाढ़ नक्षत्र के द्वितीय चरण और ध्रुव योग में घटित होगा।