पैठन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- औरंगाबाद शहर की सीमा के बाहर कई सारे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं , अंजता की बौद्ध गुफाएँ, एलोरा का चट्टान मंदिर, पीथलकोरा की गुफाएँ, दौलताबाद का किला परिसर, पैठन बुनाई के नायाब नमुनों के लिए प्रसिद्ध, ग्रिसनेशवर और खुलदाबाद का तीर्थयात्री केंद्र, मुगल सम्राट औरंगजेब का अंतिम विश्रामस्थल।
- तक्षिला , टांकशर , सिंघपुर , टोंक , मथुरा , कर्कोटनगर , इन्दौरपुरा , नागौर , पद्मावती , कान्तिपुरी , भोगवती , विदिशा , उज्जैन , पुरिका , पौनी , भरहूत , नागपुर , नंदी-वर्धन , एरण , पैठन आदि नाग राजाओं के महत्वपूर्ण केंद्र रहे हैं .
- तक्षिला , टांकशर , सिंघपुर , टोंक , मथुरा , कर्कोटनगर , इन्दौरपुरा , नागौर , पद्मावती , कान्तिपुरी , भोगवती , विदिशा , उज्जैन , पुरिका , पौनी , भरहूत , नागपुर , नंदी-वर्धन , एरण , पैठन आदि नाग राजाओं के महत्वपूर्ण केंद्र रहे हैं .
- औरंगाबाद में मध्यवर्ती बस स्थानक से वेरुल ट्रिप ( घ्रश्नेश्वर , एलोरा , दौलताबाद , खुलताबाद , भद्र मारुती , पैठन दर्शन ) के लिए सुबह 7 .30 बजे से प्रारंभ होने वाली बस कि सुविधा गाइड के साथ उपलब्ध है जो कि शाम 5 .00 बजे वापस लौटती है .
- औरंगाबाद में मध्यवर्ती बस स्थानक से वेरुल ट्रिप ( घ्रश्नेश्वर , एलोरा , दौलताबाद , खुलताबाद , भद्र मारुती , पैठन दर्शन ) के लिए सुबह 7 .30 बजे से प्रारंभ होने वाली बस कि सुविधा गाइड के साथ उपलब्ध है जो कि शाम 5 .00 बजे वापस लौटती है .
- पैठन साड़ी के जरीये दुनियाभर में पहचान बनाने वाले पैठन गांव का नया सच यही है कि चंद हाथो की दुरी पर 1965 में जिस बांध की नींव डालते वक्त लालबहादुर शास्त्री ने समूचे मराठवाडा की जमीन की प्यास बुझाने का सपना जगाया , 48 बरस बाद वहीं बांध सिर्फ पांच सौ मीटर की दूरी पर बसे गांव की प्यास बुझा पाने में भी सक्षम नहीं हो पा रहा है।
- पैठन साड़ी के जरीये दुनियाभर में पहचान बनाने वाले पैठन गांव का नया सच यही है कि चंद हाथो की दुरी पर 1965 में जिस बांध की नींव डालते वक्त लालबहादुर शास्त्री ने समूचे मराठवाडा की जमीन की प्यास बुझाने का सपना जगाया , 48 बरस बाद वहीं बांध सिर्फ पांच सौ मीटर की दूरी पर बसे गांव की प्यास बुझा पाने में भी सक्षम नहीं हो पा रहा है।
- पैठन साड़ी के जरीये दुनियाभर में पहचान बनाने वाले पैठन गांव का नया सच यही है कि चंद हाथो की दुरी पर 1965 में जिस बांध की नींव डालते वक्त लालबहादुर शास्त्री ने समूचे मराठवाडा की जमीन की प्यास बुझाने का सपना जगाया , 48 बरस बाद वहीं बांध सिर्फ पांच सौ मीटर की दूरी पर बसे गांव की प्यास बुझा पाने में भी सक्षम नहीं हो पा रहा है।
- पैठन साड़ी के जरीये दुनियाभर में पहचान बनाने वाले पैठन गांव का नया सच यही है कि चंद हाथो की दुरी पर 1965 में जिस बांध की नींव डालते वक्त लालबहादुर शास्त्री ने समूचे मराठवाडा की जमीन की प्यास बुझाने का सपना जगाया , 48 बरस बाद वहीं बांध सिर्फ पांच सौ मीटर की दूरी पर बसे गांव की प्यास बुझा पाने में भी सक्षम नहीं हो पा रहा है।
- हमारे औरंगाबाद दर्शन के दुसरे दिन हमने एक ऑटो रिक्शा तय किया जिसने हमें घ्रश्नेश्वर तथा एलोरा की गुफाएं ( जिनका वर्णन मैं अपनी अगली पोस्ट में करूँगा ) घुमाकर लौटते समय रास्ते में खुलताबाद ( जो औरंगजेब का मकबरा तथा भद्र मारुती मंदिर के लिए प्रसिद्द है ) , दौलताबाद का किला , पैठन ( जो की पैठनी साड़ी के लिए प्रसिद्द है ) आदि के भी दर्शन कराये .