पौदा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इसे अंग्रेजी में vitriol कहा जाता है और यह शब्द vitrium से बना है जो एक ऐसा पौदा है जिसे नील की तरह नीला रंग बनाया जाता था .
- तम्बाकू क्यूरिंग के लिए आन्र प्रदेश के अधिकाधिक किसान लोग रोड के किनारों , खाली जगहों, बंजर स्थलों, नदियों/नालाओं के तटों आदि में पौदा होने वाले एक प्रकार का प्रोसोफिस जुलिप्लोरा नामक लकडी का उपयोग करते हैं ।
- बहरहाल सारनाथ में धम्मचक्क परिवर्तन दिवस और महोत्सव का मनाया जाना यह दर्शाता है कि भारत में अब बौद्ध धम्म का पौदा जड़ पकड़ चुका है जिसे बाबा साहेब डॉ . आंबेडकर ने 14 , अक्तूबर , 1956 को रोपित किया था .
- घायलों को तत्काल कांधला के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया जहां उनका चिकित्सकीय परीक्षण कराकर पीडित पक्ष की ओर से ओमबीर , बाबू , पाल्ला पुत्रगण गिरवर , सूरज पुत्र बाबू तथा भालू , पौदा , बबूल व सतीश पुत्रगण पाल्ला के खिलाफ कांधला थाने में अभियोग दर्ज कराया गया है।
- घायलों को तत्काल कांधला के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया जहां उनका चिकित्सकीय परीक्षण कराकर पीडित पक्ष की ओर से ओमबीर , बाबू , पाल्ला पुत्रगण गिरवर , सूरज पुत्र बाबू तथा भालू , पौदा , बबूल व सतीश पुत्रगण पाल्ला के खिलाफ कांधला थाने में अभियोग दर्ज कराया गया है।
- उत्पादन को क्रमानुबद्ध करने के लिए , समुद्रपार मार्केटिंग को उन्नत करने के लिए और बार-बार आपूर्ति और माँग में असंतुलन, जिससे बाजार की समस्याएँ पौदा होती हैं, इसे नियंत्रित करने की आवश्यकता को यान में रखते हुए भारत सरकार ने तम्बाकू बोर्ड अधिनियम, 1975 के अंतर्गत तम्बाकू निर्यात संर्वान परिषद के स्थान पर तम्बाकू बोर्ड की स्थापना की है।
- गाँव का दिन अपनी तमाम बदहाली के बावजूद उतना बुरा नहीं होता , बल्कि उसमें कुछ ऐसा होता हे जो आदमी को अपनी तरफ खींचता है , अपने से जोड़ता है चाहे वह तालाब में सड़ने के इंतजार में छोड़े सन के पौदों का गट्ठर हो या पानी माँगता हुआ तंबाकू का पौदा , लेकिन रात वैसी नहीं होती है।
- जब बाजार में संकट की स्थिति पौदा होती है तब न्यूनतम समर्र्थन मूल्यों की दरों में गिरावट होती है और तब तम्बाकू बोर्ड के व्यापार स्कंध को अधिकार दिया जाता है कि न्यूनतम समर्थन मूल्यों पर , जो कृषि की लागत और मूल्यों के कमीशन ( सी ए सी पी ) व्दारा सिफारिश आधार पर भारत सरकार व्दारा घोषित सामग्री खरीदें ।
- तो फिर कैसे होसकता कि इतने बड़े संसार , पृथ्वी , आकाश , पलेनेट्स , पैड़ पौदा , पशु पंक्षी , मनुष्य स्वयं उतपन होगए और सुर्य , चंदर्मां स्वयं निकलने और डुबने लगे , नदिया और चशमे स्वयं बहने लगे , यह सब इस बात की गवाही देती है कि एक ज़ात उपस्थित है जो इन सब को कन्टरोल करता है।
- क़ुरान-ए-मजीद के अनुसार बहुत सारे लोग , बाहर से दिखाई देने मे खाने पीने , चलने फिरने और अपनी नस्ल बढ़ाने के बावजूद मुर्दा हैं , इसी तरह बहुत सारे लोग जिनका हमारी आंखो के सामने खाना पीना , चलना फिरना और संतान पौदा करने का सिलसिला बंद हो जाता है , वह ज़िन्दा हैं और क़ुरान-ए-मजीद उन्हे शहीद की उपाधि से याद करता है।