प्राप्य का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- उतिष्ठ , जाग्रत् , प्राप्य वरान् अनुबोधयत् ।
- उतिष्ठ , जाग्रत् , प्राप्य वरान् अनुबोधयत् ।
- यह वेद वाक्य है-उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत् ।
- जागृत॥ प्राप्य वरन्निबोधत्॥ का आह्वान इसी निमित्त है।
- एषा ब्राह्मी स्थिति : पार्थ नैनां प्राप्य विमुह्यति।
- दोनों खरीद और प्राप्य , मुद्रा जोखिम को समाप्त.
- यह सिंहल भाषा का प्राचीनतम प्राप्य व्याकरण है।
- यह सिंहल भाषा का प्राचीनतम प्राप्य व्याकरण है।
- एमएसएमई प्राप्य वित्त योजना तथा बीजक भुनाई योजना
- उसके द्वारा रचित कुछ छंद प्राप्य हैं ।