प्रेत-बाधा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- विश्व में अनेक प्रकरणों में भूत-बाधा , प्रेत-बाधा इत्यादि अनेक विवरण प्रमाणित हुए हैं, किंतु ऐसे अधिकांश प्रकरण निर्मूल व निराधार भी निकले हैं।
- क्लब की चहल-पहल के सामने , ऐन उसकी छाती पर , मौसम उस रात शायद पहली बार प्रेत-बाधा सा बन कर अड़ गया था।
- यदि तुम् हारे संसर्ग से मुझे प् लेग-पीड़ा व प्रेत-बाधा भी हो जाए तो कुछ चिंता नहीं , मैं अब किसी आपत्ति से नहीं डरूँगा।
- प्रेत-बाधा ” में तो भीतर का प्रेत मुक्ति-बोध के आनन्द में आत्मविभोर होने को हो जाता है और पर्त दर पर्त प्रेत विश्व-व्यापी होता चला जाता है .
- बोलो , हम इसी पितृपक्ष में ब्लागर पर प्रेत-बाधा नाशक अनुष्ठान करवा देंगे, भटकने से मुक्ति पा जाओगे और ब्लागर को भी मुक्त करोगे ! छिःह, घिन आ रही है..
- वस्तुतः ये आंतरिक और बाहृ कारण जीवन में अनेक रूपों में व्यक्त होते हैं और समुचित ज्योतिषीय योगों द्वारा व्यक्ति के प्रेत-बाधा से ग्रस्त होने के बारे में जाना जा सकता है।
- यह छवि सरकार ही नहीं , देश के लिए भी अनंत प्रेत-बाधा बन सकती है| इसके आधार पर तर्क यह बनेगा कि जो नेता जितना डरा सके, वह उतना ही निचोड़ ले जाएगा और यदि वह किसी सीमांत क्षेत्र् में है तो उसकी और भी ज्यादा चांदी है, क्योंकि वह पड़ौसी देशों से भी सांठ-गांठ कर सकता है।
- मां के भक्त के शरीर से अदृश्य उर्जा का विकिरण होता रहता है जिससे वह जहां भी होते हैं वहां का वातावरण पवित्र और शुद्ध हो जाता है , इनके घंटे की ध्वनि सदैव भक्तों की प्रेत-बाधा आदि से रक्षा करती है तथा उस स्थान से भूत , प्रेत एवं अन्य प्रकार की सभी बाधाएं दूर हो जाती है .
- तो उसका ज़वाब अपने तर्क से दो , जनमत को अपनी तरफ़ खींचो या उसके लत्ते नोचने लग पड़ोगे ? यह तो कतिपय विद्वानों के हिसाब से श्वानवृत्ति है , काहे के प्रेत हो स्पष्ट तो कर दो ! बोलो , हम इसी पितृपक्ष में ब्लागर पर प्रेत-बाधा नाशक अनुष्ठान करवा देंगे , भटकने से मुक्ति पा जाओगे और ब्लागर को भी मुक्त करोगे ! छिःह , घिन आ रही है ..
- तुलसी-काष्ठ धारण करने से शरीर की विधुत-शक्ति बनी रहती है इसकी माला पहनने से किसी प्रकार की संक्रामक बीमारी का डर नहीं रहतातुलसी के अनेक तांत्रिक प्रयोग है जैसे - -यदि किसी ने किसी पर मोहन -प्रयोग किया हो तो पीड़ित व्यक्ति को तुलसी-मंजरी को घी या शहद मे डुबो कर श्रीकृष्ण-मन्त्रों से आहुती देनी चाहिए | तुलसी-युक्त जल से स्नान करते समय ‘ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ‘ का जप करने से प्रेत-बाधा से मुक्ति मिलती है | तुलसी की महिमा अनन्त है तथा वर्णन भी अनन्त है !