फराक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- सच तो ये है की तुलना करो या ना करो , पर आज हमारी बहुत सी खोजों से कुछ फराक इस दुनिया को नहीं पड़ता , पर इस दुनिया की खोजें हमारे जीवन मे एक ही घंटे अनुपलब्ध रहकर हमे १ ००० वी सदी के दर्शन ज़रूर करा देती हैं .
- “देवी जी इस से कुच्छ फराक नही पड़ता की लेख में जो कुछ लिखा है उससे मैं सहमत हू या नही और चूँकि आपने ही कहा है की भाषा फिरंगी है , फिर उसका इस्तेमाल ही क्यो किया जे ? आशा है की हिन्दी में इसका अनुवाद भी मिल जाता तो बेहतर होता.
- बरामदे में बैठी एक बच्ची , उम्र यही कोई छ सात साल के करीब , बालों की दो छोटी- छोटी चोटियां बनाये , लाल रंग का लंबा सा ढीला ढाला फराक पहने , गले में छोटा सा दुपट्टा डाले , करीब पड़ी गुडिया के गले में मोतियों की छोटी सी माला पहनाने की कोशिश कर रही है .
- अध्यात्म आपने आप मे बड़ी बात है , पर अध्यात्म ना भी होता तो दुनिया को क्या फराक पद जाता और आज अध्यात्म है तो कितना पद गया ? जो ये कहते हैं की विदेश मे मा बाप अनाथाश्रम मे होते हैं , उनसे मैं पूछता हूँ की औसत आयु वहाँ इस भारत महान के लोगों से ज़्यादा क्यों है ?
- की तेरी सपरास्ती पर गुमान है हमको , इस खूनी दौर-इ-जहां में खुशियों भरा आसमा है हमको ! यूँ तो कई माँइने है तेरे इस बेदर्द जहां में , लेकिन ! तू इक फराक दिल मेंहरबा है हमको ! यूँ तो मयखाने में तू साकी है रिंद की , जहाँ की जिल्लतों से तेरा दामन पुर सुकूँ सायबा है हमको ... !!!!!!!!!
- मैं ज़िंदगी का साथ निभाता चला गया हर फ़िक्र को धूए में उड़ाता चला गया बार बादियो का सोग मनाना फ़ूज़ूल था बार बादियो का जश्न मनाता चला गया जो मिल गया उसी को मुक़द्दर समाज़ लिया जो खो गया मैं उस को भूलाता चला गया घम और कुशी मे फराक न महसूस हो जहामे दिल को उसी मकाम पे लाता चला गया
- अपनी कॉमेंट पढ़ो नीचे है . “ बाबा के पास धन , दौलत , शोरत , मान , समान , की कोई कमी नही है , वो जो कर रहे है हू सिर्फ़ देस के लिए कर रहे है , और कुछ लोगो की बात मान भी ले तो भी क्या फराक पड़ता है , बाबा के कोई औलाद तो है नही अनंत नमैई सारा पैसा होज्ना तो देस का ही है , तो जाई बाबा रामदेव की . ”
- कालरा साहब , इस धरती पर जन्म लेसए वाला इंशान गैर क़ानूनी नही है , पर वह गैर क़ानूनी करवाही काम करने से नही हिचकता है , करला जी मैने कही पड़ा है की इस पागल दुनिया मे पैसो की कोई जात नही होती , कोई धर्म नही होता , कोई नस्ल नही होती , कोई रंग रूप नही होता , इसकी कोई नागरिकता भी नही होती , अगर आप आमिर हाइतो इन सबसे कोई फराक नही पड़ता है , अगर नही है तो हर चीज़ से पड़ता है .
- क्या कोई कुछ करने के लिए चुनाव लड़ता है जिन्हे कोई काम नही आता लेकिन हर चीज़ चाहिए वे राजनीति मे आ जाते है गनीमत अभी भी है कि लोग अच्छी अच्छी बाते करते है शायद यह बताने के लिए कि केवल उन्हे ही देश और जनता कि चिंता है ये ऐश तो करते ही है उसका प्रदर्शन भी ज़रूरी समझते है हम और आप कोई बुराई तो कोई अच्छाई करता रहे कोई फराक नही पड़ता क्योकि उनने हमे दो खेमो मे बाँट दिया है ऐक अच्छा कहेगा तो दूसरा खराब यानी दोनो तरफ आधे आधे .
- मेडम हक़ीकत ओर बतो मे बहुत फराक होता है , क्या तुम्हे मालूम है की एक वेटर की सलरी क्या होती है नही पता होगा पहले वेटर की सलरी के वारे मे पता कर लो उस के बाद उन पर कोई आर्तिकल लिखना , तुम्हारी ज़ीरो लेबल की पतर्करित के लिए तुमे काफ़ी मोटी सलरी मिल जाती है लेकिन वेटर को पूरा महीना मेहनत करने के बाद भी 1500 से 2500 तक सलरी मिलती है , अगर करना ही है तो कुछ हक़ीकत मे करो बिना मातबल के लेख लिख के अपना ओर हमारा वक़्त खराब मत करो