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बंशलोचन का अर्थ

बंशलोचन अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. इसके लिए शतावरी , गोखरू, बड़ा बीजबंद, बंशलोचन, कबाब चीनी, कौंच के छिलका रहित बीज, सेमल की छाल, सफेद मुसली, काली मुसली, सालम मिश्री, कमल गट्टा, विदारीकंद, असगन्ध सब 50-50 ग्राम और शकर 300 ग्राम, सभी द्रव्यों को अलग-अलग कूट- पीसकर कपड़छान कर लें।
  2. इसके बाद छिली हुई छोटी इलायची के दानो में पिप्पली , बंशलोचन , दालचीनी , तेजपात , नागकेशर को मिक्सी में एकदम बारीक पीस लीजिये | अब इस पिसी सामग्री को शहद और केसर में मिलाकर आंवले के मिश्रण में अच्छी तरह से मिला दीजिये .
  3. इसके बाद छिली हुई छोटी इलायची के दानो में पिप्पली , बंशलोचन , दालचीनी , तेजपात , नागकेशर को मिक्सी में एकदम बारीक पीस लीजिये | अब इस पिसी सामग्री को शहद और केसर में मिलाकर आंवले के मिश्रण में अच्छी तरह से मिला दीजिये .
  4. चिकित्सा शुक्राणुओं को बढ़ाने व उन्हें बलशाली बनाने के लिए इस प्रकार का प्रयोग करें- इसके लिए शतावरी , गोखरू, बड़ा बीजबंद, बंशलोचन, कबाब चीनी, कौंच के छिलकारहित बीज, सेमल की छाल, सफेद मुसली, काली मुसली, सालम मिश्री, कमल गट्टा, विदारीकंद, असगन्ध सब 50-50 ग्राम और शक्कर 300 ग्राम, सभी द्रव्यों को अलग-अलग कूट-पीसकर कपड़छान कर लें।
  5. चीनी - तीन किलो Chyawanprash Ingredients प्रेक्षप सामग्री पिप्पली - 100 ग्राम , बंशलोचन - 150 ग्राम , दालचीनी - 50 ग्राम , तेजपत्र - 20 ग्राम , नागकेशर - 20 ग्राम , छोटी इलायची - 20 ग्राम , केशर - 2 ग्राम , शहद - 250 ग्राम बनाने की विधि - How to make Chyawanprash आवले को धो लीजिये .
  6. चीनी - तीन किलो Chyawanprash Ingredients प्रेक्षप सामग्री पिप्पली - 100 ग्राम , बंशलोचन - 150 ग्राम , दालचीनी - 50 ग्राम , तेजपत्र - 20 ग्राम , नागकेशर - 20 ग्राम , छोटी इलायची - 20 ग्राम , केशर - 2 ग्राम , शहद - 250 ग्राम बनाने की विधि - How to make Chyawanprash आवले को धो लीजिये .
  7. चिकित्सा शुक्राणुओं को बढ़ाने व उन्हें बलशाली बनाने के लिए इस प्रकार का प्रयोग करें- इसके लिए शतावरी , गोखरू , बड़ा बीजबंद , बंशलोचन , कबाब चीनी , कौंच के छिलकारहित बीज , सेमल की छाल , सफेद मुसली , काली मुसली , सालम मिश्री , कमल गट्टा , विदारीकंद , असगन्ध सब 50 - 50 ग्राम और शक्कर 300 ग्राम , सभी द्रव्यों को अलग-अलग कूट-पीसकर कपड़छान कर लें।
  8. चिकित्सा शुक्राणुओं को बढ़ाने व उन्हें बलशाली बनाने के लिए इस प्रकार का प्रयोग करें- इसके लिए शतावरी , गोखरू , बड़ा बीजबंद , बंशलोचन , कबाब चीनी , कौंच के छिलकारहित बीज , सेमल की छाल , सफेद मुसली , काली मुसली , सालम मिश्री , कमल गट्टा , विदारीकंद , असगन्ध सब 50 - 50 ग्राम और शक्कर 300 ग्राम , सभी द्रव्यों को अलग-अलग कूट-पीसकर कपड़छान कर लें।
  9. सत शहद के साथ चाटने से ज्वर उतर जाता है | थोड़ी गुर्च 5-7 काली मिर्च कुछ सेंधा नमक पीसकर थोड़े पानी में घोल कर आँच पर धरे , जब फदकने लगे तो उतार कर छान कर गरमागरम पीवे तो ज्वर शाँत हो जाता है | तथा नीम पर के गुर्च के 6 माशा , बंशलोचन एक माशा ,इलायची चार रत्ती ,मिश्री तोला भर पीसकर उसको दस दिन तक खाय तो बादी ,खूनी ,बवासीर रोग दूर हो जाता है
  10. सत शहद के साथ चाटने से ज्वर उतर जाता है | थोड़ी गुर्च 5-7 काली मिर्च कुछ सेंधा नमक पीसकर थोड़े पानी में घोल कर आँच पर धरे , जब फदकने लगे तो उतार कर छान कर गरमागरम पीवे तो ज्वर शाँत हो जाता है | तथा नीम पर के गुर्च के 6 माशा , बंशलोचन एक माशा ,इलायची चार रत्ती ,मिश्री तोला भर पीसकर उसको दस दिन तक खाय तो बादी ,खूनी ,बवासीर रोग दूर हो जाता है
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