बंशलोचन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इसके लिए शतावरी , गोखरू, बड़ा बीजबंद, बंशलोचन, कबाब चीनी, कौंच के छिलका रहित बीज, सेमल की छाल, सफेद मुसली, काली मुसली, सालम मिश्री, कमल गट्टा, विदारीकंद, असगन्ध सब 50-50 ग्राम और शकर 300 ग्राम, सभी द्रव्यों को अलग-अलग कूट- पीसकर कपड़छान कर लें।
- इसके बाद छिली हुई छोटी इलायची के दानो में पिप्पली , बंशलोचन , दालचीनी , तेजपात , नागकेशर को मिक्सी में एकदम बारीक पीस लीजिये | अब इस पिसी सामग्री को शहद और केसर में मिलाकर आंवले के मिश्रण में अच्छी तरह से मिला दीजिये .
- इसके बाद छिली हुई छोटी इलायची के दानो में पिप्पली , बंशलोचन , दालचीनी , तेजपात , नागकेशर को मिक्सी में एकदम बारीक पीस लीजिये | अब इस पिसी सामग्री को शहद और केसर में मिलाकर आंवले के मिश्रण में अच्छी तरह से मिला दीजिये .
- चिकित्सा शुक्राणुओं को बढ़ाने व उन्हें बलशाली बनाने के लिए इस प्रकार का प्रयोग करें- इसके लिए शतावरी , गोखरू, बड़ा बीजबंद, बंशलोचन, कबाब चीनी, कौंच के छिलकारहित बीज, सेमल की छाल, सफेद मुसली, काली मुसली, सालम मिश्री, कमल गट्टा, विदारीकंद, असगन्ध सब 50-50 ग्राम और शक्कर 300 ग्राम, सभी द्रव्यों को अलग-अलग कूट-पीसकर कपड़छान कर लें।
- चीनी - तीन किलो Chyawanprash Ingredients प्रेक्षप सामग्री पिप्पली - 100 ग्राम , बंशलोचन - 150 ग्राम , दालचीनी - 50 ग्राम , तेजपत्र - 20 ग्राम , नागकेशर - 20 ग्राम , छोटी इलायची - 20 ग्राम , केशर - 2 ग्राम , शहद - 250 ग्राम बनाने की विधि - How to make Chyawanprash आवले को धो लीजिये .
- चीनी - तीन किलो Chyawanprash Ingredients प्रेक्षप सामग्री पिप्पली - 100 ग्राम , बंशलोचन - 150 ग्राम , दालचीनी - 50 ग्राम , तेजपत्र - 20 ग्राम , नागकेशर - 20 ग्राम , छोटी इलायची - 20 ग्राम , केशर - 2 ग्राम , शहद - 250 ग्राम बनाने की विधि - How to make Chyawanprash आवले को धो लीजिये .
- चिकित्सा शुक्राणुओं को बढ़ाने व उन्हें बलशाली बनाने के लिए इस प्रकार का प्रयोग करें- इसके लिए शतावरी , गोखरू , बड़ा बीजबंद , बंशलोचन , कबाब चीनी , कौंच के छिलकारहित बीज , सेमल की छाल , सफेद मुसली , काली मुसली , सालम मिश्री , कमल गट्टा , विदारीकंद , असगन्ध सब 50 - 50 ग्राम और शक्कर 300 ग्राम , सभी द्रव्यों को अलग-अलग कूट-पीसकर कपड़छान कर लें।
- चिकित्सा शुक्राणुओं को बढ़ाने व उन्हें बलशाली बनाने के लिए इस प्रकार का प्रयोग करें- इसके लिए शतावरी , गोखरू , बड़ा बीजबंद , बंशलोचन , कबाब चीनी , कौंच के छिलकारहित बीज , सेमल की छाल , सफेद मुसली , काली मुसली , सालम मिश्री , कमल गट्टा , विदारीकंद , असगन्ध सब 50 - 50 ग्राम और शक्कर 300 ग्राम , सभी द्रव्यों को अलग-अलग कूट-पीसकर कपड़छान कर लें।
- सत शहद के साथ चाटने से ज्वर उतर जाता है | थोड़ी गुर्च 5-7 काली मिर्च कुछ सेंधा नमक पीसकर थोड़े पानी में घोल कर आँच पर धरे , जब फदकने लगे तो उतार कर छान कर गरमागरम पीवे तो ज्वर शाँत हो जाता है | तथा नीम पर के गुर्च के 6 माशा , बंशलोचन एक माशा ,इलायची चार रत्ती ,मिश्री तोला भर पीसकर उसको दस दिन तक खाय तो बादी ,खूनी ,बवासीर रोग दूर हो जाता है
- सत शहद के साथ चाटने से ज्वर उतर जाता है | थोड़ी गुर्च 5-7 काली मिर्च कुछ सेंधा नमक पीसकर थोड़े पानी में घोल कर आँच पर धरे , जब फदकने लगे तो उतार कर छान कर गरमागरम पीवे तो ज्वर शाँत हो जाता है | तथा नीम पर के गुर्च के 6 माशा , बंशलोचन एक माशा ,इलायची चार रत्ती ,मिश्री तोला भर पीसकर उसको दस दिन तक खाय तो बादी ,खूनी ,बवासीर रोग दूर हो जाता है