बड़वानल का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- त्र्यूषणाद्य लौह एक ग्राम + त्रिमूर्ति रस एक गोली + मेदोहर गुग्गुलु एक गोली + बड़वानल चूर्ण एक ग्राम इन सबकी एक मात्रा बनाएं व दिन में दो बार गर्म जल से दीजिये।
- तब सब देवता मृग-रूपी यज्ञ को लेकर शिव की शरण में पहुंचें शिव ने उन सब पर कृपा कर अपना कोप समुद्र में छोड़ दिया जो बड़वानल बनकर निरंतर उसका जल सोखता है।
- प्रचंड बड़वानल की भाँति पापकर्मों को भस्मकर कल्याणकारी आभा बिखेरनेवाली शक्ति ( नारी) स्वरूपिणी अणिमादिक अष्ट महासिद्धियों तथा चंचल नेत्रोंवाली देवकन्याओं द्वारा शिव-विवाह के समय की गयी परमश्रेष्ठ शिवमंत्र से पूरित, मंगलध्वनि सांसारिक दुखों को
- भावार्थ : - फिर यह छोटा सा समुद्र पार करने में कितनी देर लगेगी ? ऐसा सुनकर फिर पवनकुमार श्री हनुमान् जी ने कहा- प्रभु का प्रताप भारी बड़वानल ( समुद्र की आग ) के समान है।
- शाश्वत के रस में इतना सराबोर हो जाओ , राम के रस में इतना तन्मय हो जाओ कि कामनाओं का दहकता हुआ, चिंगारियाँ फेंकता हुआ काम का दुःखद बड़वानल हमारे चित्त को न तपा सके, न सता सके।
- पद्म पुराण के अनुसार देवताओं ने बड़वानल को पश्चिमी समुद्र में ले जाने के लिए जगतपिता ब्रह्मा की निष्पाप कुमारी कन्या सरस्वती से अनुरोध किया तो वह सबसे पहले ब्रह्माजी के पास यहीं पुष्कर में आशीर्वाद लेने पहुंची।
- सिगरेट सिगरेट ! कुंठे की चिमनी जलती-बुझती चिंगारी निगलती जाती है सबकुछ बड़वानल के सादृश्य उसके पास भी अब बहुत कुछ नहीं बचा कितने दिन हुये इस भस्म से दोस्ती के! क्या साथ देती है अपने में समाहित करके!
- उनकी हिन्दी की पुस्तको में बड़वानल ; कविता संग्रहद्ध , कलाई का धागा , प्रेमलता , चाय के धब्बे , कुहरा और किरणें , खुरदरा आदमी ; उपन्यासद्ध , औरत और जहर ; कहानी संग्रहद्ध गांव की कहानिया- २ इत्यादि प्रमुख है।
- प्रचंड बड़वानल की भाँति पापों को भस्म करने में स्त्री स्वरूपिणी अणिमादिक अष्ट महासिद्धियों तथा चंचल नेत्रों वाली देवकन्याओं से शिव विवाह समय में गान की गई मंगलध्वनि सब मंत्रों में परमश्रेष्ठ शिव मंत्र से पूरित , सांसारिक दुःखों को नष्ट कर विजय पाएँ।
- मधुस्नेह हो गया स्वप्नमय भाव हृदय के सूने घट में हो विलीन सब दुख के राग सुनाते गाते पीड़ा के अभिशाप व्याल-से काल-भाल को डसते जाते और आह के अथाह स्रोत इस अंतस्तल में श्वासों के बड़वानल के मिस दर्दीले तूफ़ान मचलते ।