बपुरा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- यह डूबना ही तो पार उतरना होता है . .मैं बपुरा बूड़न डरा रहा किनारे बैठ!
- क्या कि ' सिव बिरंचि कहुँ मोहइ, को है बपुरा आन?' क्या हम इससे शिक्षा
- मैं बपुरा बुढ़नडरा , रह किनारे बैठि॥ यानि कि जो खोजते हैं , वे पाते हैं।
- अब वे कर्मणा गवईं हो गए और मैं बपुरा जन्मना ही गवईं बना रहा हूँ . ..
- सिव विरंचि कहुं मोहै को है बपुरा आन , अस जिय जानि भजहिं मुनि माया पति भगवान।
- संत कबीर भी कह चुके हैं कि जिन बूड़ा तिन पाइयां , गहरे पानी पैठि, मैं बपुरा बूड़न डरा, रहा किनारे बैठि।
- हमारे संतों की परंपरा भी यही है कि जिन बूड़ा तिन पाइयां , गहरे पानी पैठि, मैं बपुरा बूड़न डरा, रहा किनारे बैठि।
- बपुरा बूड़न डरा , रहा किनारे बैठ.अति का भला न बोलना, अति की भली न चूप,अति का भला न बरसना, अति की भली न धूप।।
- न हमें किसी की निंदा सुनना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से दुर्गुण अपने अंदर नहीं लाना चाहिए। ' ' ‘दादू-निंदक बपुरा जिनि मरे, पर जपगारी सोइ।
- अब तो जो अनुभवी होगा वही जानेगा - मैं बपुरा बुडन डरा रहा किनारे बैठि ' पूरा स्त्री-शरीर एक दुखता टमकता हुआ घाव है।