बामी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इंग्लैंड टीम की प्रशंसक टोली ' बामी आर्मी' और पाकिस्तान के अब्दुल चाचा की तरह 'ब्रदर इंडिया' बन कर हर मैच में टीम इंडिया की हौसला अफ़जाई करने का लक्ष्य रखने वाले सुधीर ने पिछले तीन वर्षों में अपनी अलग पहचान बनाई है.
- इंग्लैंड टीम की प्रशंसक टोली ' बामी आर्मी' और पाकिस्तान के अब्दुल चाचा की तरह 'ब्रदर इंडिया' बन कर हर मैच में टीम इंडिया की हौसला अफ़जाई करने का लक्ष्य रखने वाले सुधीर ने पिछले तीन वर्षों में अपनी अलग पहचान बनाई है.
- हम जिन्हें अब तक साहित्यकार समझे थे वेह निपट लेफ्टिए रक्तरंगी लाल बामी निकले , यह तमाम भकुए आज पूछते हैं ; धर्मान्तरण : दोष किसका यह सवाल भारत के सेकुलर मंत्रिमंडल से पूछे आवाम से नही जिसे आप कुछ भी लिख कर बहकाते रहते हैं
- हम जिन्हें अब तक साहित्यकार समझे थे वेह निपट लेफ्टिए रक्तरंगी लाल बामी निकले , यह तमाम भकुए आज पूछते हैं ; धर्मान्तरण : दोष किसका यह सवाल भारत के सेकुलर मंत्रिमंडल से पूछे आवाम से नही जिसे आप कुछ भी लिख कर बहकाते रहते हैं
- देखने में आया हें कि ऐसे ही लोग बाहर वाले बाबा के पैर की धुल चाट रहें हें / यानी एक तरफ घर वाली दुसरी तरफ बाहर वाली हालत हो गयी हें / अजीब दुनिया का दश्तुर हें , घर आया नाग न पूजे , बामी पूजन जाए /
- देखने में आया हें कि ऐसे ही लोग बाहर वाले बाबा के पैर की धुल चाट रहें हें / यानी एक तरफ घर वाली दुसरी तरफ बाहर वाली हालत हो गयी हें / अजीब दुनिया का दश्तुर हें , घर आया नाग न पूजे , बामी पूजन जाए /
- श्री . आर . के . बामी , ईडी , रिटेल बैकिंग , ऐक्सिस बैंक ने इस अवसर पर कहा , ‘‘ ऐक्सिस बैंक ग्राहकों की आवश्यकता को समझता है तथा अपने शक्तिशाली एटीएम नेटवर्क एवं शाखाओं के माध्यम से 12 मिलियन से अधिक रिटेल ग्राहकों की अग्रगण्य के रुप मे सेवा कर गर्व महसूस कर रहा है।
- श्री . आर . के . बामी , ईडी , रिटेल बैकिंग , ऐक्सिस बैंक ने इस अवसर पर कहा , ‘‘ ऐक्सिस बैंक ग्राहकों की आवश्यकता को समझता है तथा अपने शक्तिशाली एटीएम नेटवर्क एवं शाखाओं के माध्यम से 12 मिलियन से अधिक रिटेल ग्राहकों की अग्रगण्य के रुप मे सेवा कर गर्व महसूस कर रहा है।
- आगे सोलह प्रजातियों- डंडवा , घंसरा , अइछा , सोंढ़िहा , लूदू , बंजू , भाकुर , पढ़िना , जटा चिंगरा , भेंड़ो , बामी , कारी झिंया , खोकसी , झोरी , सलांगी और केकरा- का मोल तत्कालीन समाज की अलग-अलग जातिगत स्वभाव की मान्यताओं के अनुरूप उपमा देते हुए , समाज के सोलह रूप-श्रृंगार की तरह , बताया गया है।
- आगे सोलह प्रजातियों- डंडवा , घंसरा , अइछा , सोंढ़िहा , लूदू , बंजू , भाकुर , पढ़िना , जटा चिंगरा , भेंड़ो , बामी , कारी झिंया , खोकसी , झोरी , सलांगी और केकरा- का मोल तत्कालीन समाज की अलग-अलग जातिगत स्वभाव की मान्यताओं के अनुरूप उपमा देते हुए , समाज के सोलह रूप-श्रृंगार की तरह , बताया गया है।