बालार्क का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- बालार्क यानि सूर्योदय ( the rising sun ) - जन्म , नाम परिचय , उपलब्धियां सूर्य की किरणें ही तो हैं ...
- बालार्क ऋषि व भगवान सूर्य के प्रताप से इस कुंड मे स्नान करने वाले कुष्ठ रोग से मुक्त हो जाया करते थे।
- झांसी की रैली के मंच पर रानी लक्ष्मीबाई के किले का , बहराइच में महात्मा गौतम एवं ऋषि बालार्क के चित्रों को दिखाया गया।
- गुरु निम्बकाचार्य के नामकरण का रहस्य यह बताया जाता है कि वे प्रतिदिन एक ऊँचे नीम के पेड़ पर चढ़कर बालार्क सूर्य को प्रात : नमस्कार करते थे।
- बालार्क काव्य संग्रह यूँ तो अपने आप में अनूठा और बेजोड़ है जिसमे चुन चुन कर सुमनो को संजोया गया है और एक काव्य का गुलदस्ता बनाया गया है जिसे पढ़ने के बाद सोच के जंगलों में उगी झाड़ियों को नए आयाम मिलते हैं , एक नयी दिशा मिलती है।
- बालार्क काव्य संग्रह यूँ तो अपने आप में अनूठा और बेजोड़ है जिसमे चुन चुन कर सुमनो को संजोया गया है और एक काव्य का गुलदस्ता बनाया गया है जिसे पढ़ने के बाद सोच के जंगलों में उगी झाड़ियों को नए आयाम मिलते हैं , एक नयी दिशा मिलती है।
- लेखन के क्षेत्र में हम सभी बालार्क ही तो हैं और उन सबको एकत्रित करके एक माला में पिरोने का श्रेय रश्मि प्रभा दी और किशोर खोरेन्द्र जी को जाता है और उसमें मुझे इतना सम्मान देना कि मेरे द्वारा लिखी प्रस्तावना को स्थान देना अन्दर तक अभिभूत कर गया साथ में आत्मविश्वास का संचार कर गया ।
- लेखन के क्षेत्र में हम सभी बालार्क ही तो हैं और उन सबको एकत्रित करके एक माला में पिरोने का श्रेय रश्मि प्रभा दी और किशोर खोरेन्द्र जी को जाता है और उसमें मुझे इतना सम्मान देना कि मेरे द्वारा लिखी प्रस्तावना को स्थान देना अन्दर तक अभिभूत कर गया साथ में आत्मविश्वास का संचार कर गया ।
- उन्होंने बताया कि श्रावस्ती सम्राट महाराजा सुहेलदेव ने 10 जून 1034 को चित्तौरा झील के तट पर लुटेरे महमूद गजनवी के भानजे आक्रान्ता सैयद सालार मसूद गाजी का वध किया था , लेकिन इसके तीन सौ वर्ष बाद दिल्ली के शासक फिरोज तुगलक ने चित्तौरा झील से पाँच किलोमीटर आगे महाराजा सुहेल देव के गुरु बालार्क ऋषि के आश्रम को ध्वस्त कर एवं सूर्यकुंड को पाटकर सालार मसूद की दरगाह व कब्र बनवा दी थी।
- उदयपुर- ! -सांचीहर समाज की ओर से सूर्य षष्ठी पर आराध्य भगवान देव बालार्क की पूजा-अर्चना व विशेष आरती की गई। यह 11वां आयोजन था, जिसमें सबकी सहभागिता रही। समाज अध्यक्ष वेणु कौशिक ने बताया कि शिक्षा व सामाजिक सरोकार के साथ ही कुरीतियां मिटाने पर पर जोर दिया गया। नंदकिशोर व्यास, रवींद्र जोशी ने वर्षभर में सामाजिक गतिविधियों पर विचार रखे। सांचीहर नवयुवक मंडल अध्यक्ष हेमंत व्यास, सांस्कृतिक सचिव मनोज शर्मा, कोषाध्यक्ष सोमेश शर्मा, प्रवक्ता लोकेश जोशी, संजय व्यास, विपुल कौशिक, गिरीश व्यास, पीयूष आदि मौजूद थे। मोहनलाल व्यास ने आभार जताया।