बिना बिचारे का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- बकौल नीरज जी - “ बिना बिचारे जो करे , सो पाछे पछताय ” समारोह में तो बिना बिचार किए सम्ल्लित हुए उसका नतीजा ..........” किंतु लगता है इस संस्मरण को ब्लॉग पर आप ने बिना विचारे तो नही ही उडेला होगा.
- बकौल नीरज जी - “ बिना बिचारे जो करे , सो पाछे पछताय ” समारोह में तो बिना बिचार किए सम्ल्लित हुए उसका नतीजा .......... ” किंतु लगता है इस संस्मरण को ब्लॉग पर आप ने बिना विचारे तो नही ही उडेला होगा .
- बिना विचारे बोलने पर बिचारे की मौत - चौं रे चम्पू ! लोग बिना बिचारे कछू कौ कछू बोल दैंय , बाद में पछतामैं ऊ नायं , जि का चक्कर ऐ रे ? - ऐसा नहीं है कि बिना विचारे बोलने वाले कोई विचार नहीं करते।
- मुझे भी यही लगता है कि जो लोग बिना बिचारे यह कह देते हैं कि सभी धर्म ( मजहब समझिये ) अच्छाई सिखाते हैं , वे मजहबी ग्रन्थों को पुन: और अच्छी तरह ( क्रिटिकली ) पढें ; विशेषकर उन ग्रन्थों को, जिन्हे उनके अनुयायी आज भी अक्षरश:
- चलते-चलते पाँव थक गए बिना बिचारे बैठ गए जो प्यासे थे घुटनों के बल नदी किनारे बैठ गए अंधियारे के तालमेल की अपनी एक कहानी है दिन वाले सूरज के घर में रात सितारे बैठ गए बैठे हैं कुछ लोग इस तरह लोकतंत्र की छाया में जैसे किसी पेड़ के नीचे कुछ बंजारे बैठ गए
- चलते-चलते पाँव थक गए बिना बिचारे बैठ गए जो प्यासे थे घुटनों के बल नदी किनारे बैठ गए अंधियारे के तालमेल की अपनी एक कहानी है दिन वाले सूरज के घर में रात सितारे बैठ गए बैठे हैं कुछ लोग इस तरह लोकतंत्र की छाया में जैसे किसी पेड़ के नीचे कुछ बंजारे बैठ गए . ..
- समीर भाई , वर्णन में रोचकता बनाई रक्खी जाय, इस शैली में लगता है , आपको महारत हासिल है.शानदार प्रस्तुति के लिए आप बधाई के पात्र हैं.बकौल नीरज जी -“ बिना बिचारे जो करे, सो पाछे पछताय ” समारोह में तो बिना बिचार किए सम्ल्लित हुए उसका नतीजा .........."किंतु लगता है इस संस्मरण को ब्लॉग पर आप ने बिना विचारे तो नही ही उडेला होगा.