बियाना का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ताजा घटनाक्रम में राजसमंद जिले के गुणिया गांव के निवासी 45 वर्षीय दलित गोरधन बलाई को भी गुर्जर समुदाय के किशन लाल ने अपने 5 - 6 साथियों के साथ मिलकर सरेराह , सरेआम , भरी दोपहरी में 11 मार्च 2012 को बियाना गांव में रोक लिया तथा एक घर में ले गये .
- 11 मार्च 2012 को गुणिया गांव का गोवर्धन लाल बलाई ( दलित , आयु- 45 वर्ष ) बियाना गांव में गया था , वहां से लौटते वक्त बियाना गांव का किशन लाल गुर्जर अपने साथियों के साथ आया और गोवर्धन लाल का रास्ता रोक दिया , उन्होंने उसे जातिगत गालियां दी और एक नोहरे में ले गए।
- 11 मार्च 2012 को गुणिया गांव का गोवर्धन लाल बलाई ( दलित , आयु- 45 वर्ष ) बियाना गांव में गया था , वहां से लौटते वक्त बियाना गांव का किशन लाल गुर्जर अपने साथियों के साथ आया और गोवर्धन लाल का रास्ता रोक दिया , उन्होंने उसे जातिगत गालियां दी और एक नोहरे में ले गए।
- पश्चिमी ग्रीनलैंड के ग्लेशियरों से वसंत , विशाल icebergs बियाना की जल्दी गर्मी में और एक धीमी , 1900 -समुद्री मील पश्चिम ग्रीनलैंड वर्तमान के साथ [ 3519 मीटर ] बहाव , पहले उत्तर और फिर Baffin और लैब्राडोर धाराओं के साथ दक्षिण शुरू , आखिरकार न्यूफ़ाउंडलैंड तटों तक पहुँचने से पहले खर्च अपने पहले कुछ समुद्री बर्फ सर्दियों में बंद
- पीडि़त गोरधन बलाईहाल ही में राजसमंद जिले के गुणिया गांव के निवासी 45 वर्षीय दलित गोरधन बलाई को भी गुर्जर समुदाय के किशन लाल ने अपने 5-6 साथियों के साथ मिलकर सरेराह , सरेआम, भरी दोपहरी में 11 मार्च 2012 को बियाना गांव में रोक लिया तथा एक घर में ले गये जहां पर भारी संख्या में गुर्जर जमा थे, क्योंकि वहां पर उसी दिन कोई भोज होने वाला था, भट्टियां जल रही थी, गरमा गरम पुडि़या तली जा रही थी।
- क्रियाएँ जैसे- अकबकाना ( चौंकना), टरकाना (टालमटोल), कीनना (ख़रीदना), खिसियाना (गुस्सा करना), हँसोथना (जल्दी समेटना), भमोर लेना (मुँह से काट लेना), बकोटना (नाखून से नोंचना), लबड़-लबड़ (जल्दी जल्दी बात बनाना), ढ़ूंकना (प्रवेश करना), खिसियाना (गुस्सा करना), भुतलाना (खो जाना), बीगना (फेंकना), गोंतना (पानी में डुबाना), धड़फड़ाना (जल्दी के चक्कर में गिर जाना), मेहराना (नम होना), सरियाना (सँवारना), चपोड़ना (रोटी में घी उड़ेलना), सुतल (सोया हुआ), देखलिअई (देखा), बजाड़ना (पटकना), टटाना (दर्द करना), तीतना (भींग जाना), बियाना (पैदा होना), पोसना (लालन-पालन करना) आदि।
- सब संतन की रक्षा कीजे , भाई दूज का फल तुम्ही से, युधिस्ठिर तुम्हारे भेद को जाना, खंदव प्रस्थ तब रहा बियाना यमुना तट एक नगर बसाया , देवलोक तक विस्मय छाया , इन्द्र किये तब वर्षा भारी, यमुना ने तट दिए पसारी धरती भीतर उदार विस्तारा, वर्षा जल संचित भय सारा इन्द्र हरा कर स्वर्ग पठायो , इन्द्रप्रस्थ तब नगर कहायो तुम हो जल अन्न की दाता , अष्ट सिद्धि तुम सुख प्रदाता चपल चतुर चंचल महारानी , कृष्ण प्रिये तुम्ही पटरानी कोटी योजन तुम्हरो विस्तारा , कलयुग केवल तुम्ही आधारा.