बे-शर्म का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- फिर तो इसके प्रति दुनिया भर में प्रतिरोध उठा की आखिर महिलाओं के कपड़ों में बे-शर्मी देख रहे लोग अपनी आँखों की बेशर्मी से क्यों मुँह चुरा रहे हैं ? आखिर बार-बार ये बे-शर्म निगाहें महिलाओं को सेक्स-आब्जेक्ट के रूप में ही क्यों देखना चाहती हैं ?
- फिर तो इसके प्रति दुनिया भर में प्रतिरोध उठा की आखिर महिलाओं के कपड़ों में बे-शर्मी देख रहे लोग अपनी आँखों की बेशर्मी से क्यों मुँह चुरा रहे हैं ? आखिर बार-बार ये बे-शर्म निगाहें महिलाओं को सेक्स-आब्जेक्ट के रूप में ही क्यों देखना चाहती हैं ?
- पर क्या करे हम तो मूलतः बे-शर्म है ही ! अगर हमें शर्म आती तो इतहास में हमारे ऊपर इतने लोगो ने शासन किया होता ? जिनको शर्म आई वो लड़े और मरे हमने कुछ दिन याद किया और फ़िर सकूली किताबो में छपकर बे-शर्म हो गये ।
- पर क्या करे हम तो मूलतः बे-शर्म है ही ! अगर हमें शर्म आती तो इतहास में हमारे ऊपर इतने लोगो ने शासन किया होता ? जिनको शर्म आई वो लड़े और मरे हमने कुछ दिन याद किया और फ़िर सकूली किताबो में छपकर बे-शर्म हो गये ।
- पर क्या करे हम तो मूलतः बे-शर्म है ही ! अगर हमें शर्म आती तो इतहास में हमारे ऊपर इतने लोगो ने शासन किया होता ? जिनको शर्म आई वो लड़े और मरे हमने कुछ दिन याद किया और फ़िर सकूली किताबो में छपकर बे-शर्म हो गये ।
- पर क्या करे हम तो मूलतः बे-शर्म है ही ! अगर हमें शर्म आती तो इतहास में हमारे ऊपर इतने लोगो ने शासन किया होता ? जिनको शर्म आई वो लड़े और मरे हमने कुछ दिन याद किया और फ़िर सकूली किताबो में छपकर बे-शर्म हो गये ।
- आज जब आदमी को न कानून से डर है न किसी सख्स से और बे-शर्म सा होकर जिए जा रहा है अपने हर उस कुकर्म के साथ जिसे शायद वह स्वयं बर्दाश्त न कर पाता , ऐसे हालत में निम्न शेर कुछ पच नही पा रहा है ....
- पर क्या करना किसी को कोई पचासक साल पहले कुच्छ लोगो ने लड़-मर कर देश को आजाद कराया ? हम तो बे-शर्म है ही ! अगर आप को कुछ अपने दिल या मन में कुछ महसूस हो रहा हो तो मुझे जरुर बताये बकौल दुष्यंत कुमार - तमाशा खड़ा करना मेरा मकसद नही , बस तस्वीर बदलनी चाहिए जो आग मेरे सीने में है , हर दिल में जलनी चाहिए .........
- भले ही युवा जोड़ों को गुटर-गूं करते देख दिल में टीस उठे कभी उनको बे-शर्म भी कह दे पर वो टीस खुद वो लम्हे ना एन्जॉय कर पाने की होती है , तो रोका किसने है ज़िन्दगी तो यूँही भागती रहेगी जब तक जोड़ों के दर्द आपको धीमे चलने के लिए मजबूर नहीं कर देंगे क्या पता तब वक़्त हो ,पैसा हो पर साथी ना हो ,लम्हे तो चुराने ही पड़ेंगे ना ,
- भले ही युवा जोड़ों को गुटर-गूं करते देख दिल में टीस उठे कभी उनको बे-शर्म भी कह दे पर वो टीस खुद वो लम्हे ना एन्जॉय कर पाने की होती है , तो रोका किसने है ज़िन्दगी तो यूँही भागती रहेगी जब तक जोड़ों के दर्द आपको धीमे चलने के लिए मजबूर नहीं कर देंगे क्या पता तब वक़्त हो , पैसा हो पर साथी ना हो , लम्हे तो चुराने ही पड़ेंगे ना ,