ब्रह्म-ज्ञान का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- “ कभी न छूटे पिंड दुखो से , जिसे न ब्रह्म का ज्ञान मिले ” जिसने ब्रह्म-ज्ञान नहीं पाया उसका दुखों से कभी पिंड नहीं छूट सकता ।
- इस में भी घोर आश्चर्य की बात यह है कि ब्रह्म-ज्ञान धारा का यह रस केवल सूद साहब ही नहीं अपितु उन के सारे परिवार ने चख रखा है।
- इस में भी घोर आश्चर्य की बात यह है कि ब्रह्म-ज्ञान धारा का यह रस केवल सूद साहब ही नहीं अपितु उन के सारे परिवार ने चख रखा है।
- जिस मनुष्य में ब्रह्म-ज्ञान प्रकट हो जाता है वही ब्राह्मण अवस्था को प्राप्त होता है और वही वास्तविक ब्राह्मण होता है , उसके द्वारा बोले जाने वाला प्रत्येक शब्द ब्रह्म-वाक्य होता है।
- माथे पर तनाव लिये कल्लू जी वापस अपना सा मुंह लेकर कारखाने वापस लौटे तो बॉस ने मुस्कुरा कर उनका स्वागत किया यह पूछते हुए कि- ” ब्रह्म-ज्ञान मिला कल्लू जी . ”
- संभवत : इस विवाह को बाद में उस वर्ग का ध्यान रखते हुए जोड़ा गया जो ब्रह्म-ज्ञान में उत्सुक नहीं है , लेकिन प्रजा की दृष्टि से धर्म का पालन कर सकता है।
- चिडियों ने वहाँ जो कुछ देखा और महसूस किया उस से उनकी आँखें खुल गयीं . ये चिडियां ब्रह्म-ज्ञान > बम्ह्ज्ञान > बम्मियान > बामियान चिल्लाती हुई आकाश में उड़ गयीं . रोशनी का एक सैलाब सा उमड़ पड़ा .
- इस विषय पर कई तरह के अनुमान हवा में तैरे| आखिरकार सभी गुरुजन इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि ज़रूर यह किसी सरकारी अध्यापक का पुत्र होगा और उसे यह ब्रह्म-ज्ञान अपने पिता को कापियां जांचते हुए देख कर प्राप्त हुआ होगा|
- ( प्रमाण श्री शिव महापुराण सतीखंड अध्याय २ ३ श्लोक ४ - ९ पृष्ठ संख्या १ ९ १ ) तब प्रभु शिव ने अपना गुप्त ज्ञान ( शिव की नवधा भक्ति ) सती जगदम्बा को दिया। ...... भुक्ति-मुक्ति रूप फल को देने वाली मेरी भक्ति ब्रह्म-ज्ञान की माता है ....
- वहाँ किसी देवालय में पूर्वोक्त आत्म-ज्ञानी महात्मा को पाकर उन्होंने यह सारा वृत्तान्त निवेदन किया और सबसे पहले उन्हीं से द्वितीय अध्याय को पढ़ा , उनसे उपदेश पाकर शुद्ध अन्तःकरण वाले देव शर्मा प्रतिदिन बड़ी श्रद्धा के साथ द्वितीय अध्याय का अध्यन करके ब्रह्म-ज्ञान में लीन होकर परम पद प्राप्त हुआ। .....