भामह का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इनके पूर्ववर्ती आचार्य भामह और दण्डी के ग्रंथों में नहीं मिलते।
- दंडी ने भी वक्रोक्ति को भामह के समान ===महत्व दिया है।
- आचार्य भामह की चर्चा इस ब्लॉग पर आप पढ़ चुके हैं।
- दूसरा ग्रंथ भामहविवरण है , जो आचार्य भामह के काव्यलंकार पर टीका है।
- भामह का मानना था कि अलंकार ही काव्य की शोभा बढ़ाती हैं।
- ( भामह के नाम से राघवभट्ट द्वारा उद्धृत पर्यायोक्त अलंकार का लक्षण (परिभाषा)
- शास्त्रियों , भामह, दण्डी, वामन आदि ने “रस” को साहित्य का प्राण माना था
- शास्त्रियों , भामह, दण्डी, वामन आदि ने “रस” को साहित्य का प्राण माना था
- इस आधार यह दल आचार्य भामह को महाकवि कालिदास का पूर्ववर्ती मानता है।
- भामह ने ' काव्यालंकार ' में गुण पर अर्थवक्रता को प्रमुखता दी .