मँजा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- समकालीन हिन्दी कविता में बनावटी कलात्मकता एक दो नहीं , कई युवा कवियों के मस्तक में महामाया बनकर नाच रही है और वे तमाम दंद-फंद से लबरेज ऐसी अनोखी , अनदेखी , अज्ञात भाषा-शैली गढ़ रहे हैं कि उसका सामना पड़ने के बाद कविता का मँजा हुआ पाठक भी गश खाकर गिर पड़े और दुबारा कविता पढ़ने का दुस्साहस न करे।
- हिन्दी साहित्य या हिन्दी पत्रकारिता से कोई खास परिचय नहीं इस लिए उस पर कुछ कहना मुशकिल है , पर कुछ सवाल जो मेरे मन में भी है वो आप ने भी उठाये है एक ब्लॉगर क्यों लिखता हैं?आज हर ब्लॉगर एक साहित्यकार, मँजा हुआ लेखक या पत्रकार नहीं है.बहुतों के पास लिखने की कोई मजबूरी भी नहीं है.वो अच्छी तरह से कमा खा रहे हैं.
- ‘ नहीं , नहीं , शेखर , वे जूठे हैं- ' क्या कुछ भी ऐसा है , जो उस चेहरे को जुठला क्या , छू भी गया हो-जिस प्रकार श्वेत दीप्ति की सीमा तक तने हुए धातु को कोई छू नहीं सकता , उसी प्रकार यह वेदना से मँजा हुआ दीप्त चेहरा भी अस्पृश्य है-जब तक कि कोई समान दीप्ति ही उसे छू न ले-