मनिहारिन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- यादवचन्द्र की एक कविता उद्धृत कर रहा हूं - ' ' नील गगन में / मनिहारिन घनश्याम नटी का / पुरना-जुड़ना कितना सुन्दर!
- चूड़ी वाली मनिहारिन से सब सामान खरीदना . .. ... मुझे अपनी दही वाली “ उषा ” भी याद आ रही है ....
- वो मनिहारिन धूप में बड़ा सा टोकरा उठाये , गाँव में घर घर घूमा करती थी.पर वो विजातीय थी इसलिए कोई उसे पानी भी नहीं पूछता.
- सेवायतआचार्य मोहित गोस्वामी ने बताया कि खिचडी का भोग लगने के बाद ठाकुर जी भक्तों को मनिहारिन , सब्जी बेचने वाली, गोपी आदि के रूप में दर्शन देते हैं।
- राधा-कृष्ण के सिले कपड़े , शादी के बाद भी नैनों से ही प्रेमलीला , मनिहारिन , बच्चों के माध्यम से ससुर जी से बात करना और बड़े-बूढों का खांस कर घर में घुसना ...
- राधा-कृष्ण के सिले कपड़े , शादी के बाद भी नैनों से ही प्रेमलीला , मनिहारिन , बच्चों के माध्यम से ससुर जी से बात करना और बड़े-बूढों का खांस कर घर में घुसना ...
- नीरजजी की एक कविता में बड़ा रोचक प्रसंग है कि वे एक चूड़ी बेचने वाली मनिहारिन के यहां तरह-तरह की चूडि़यां देख रहे हैं और सोच रहे हैं अपनी पत्नी के लिए कौन सी चूड़ी खरीदें कि तभी एक कंगन उनकी तरफ चला आता है।
- किसी और मनिहारिन की तरह सपने देखती थी वह ‘ तारिका ' बनने के उसकी जिंदगी वैसे ही अयथार्थ थी जैसे कोई सपना जिसे बांचता है विश् लेषक और दबा देता है फाइल में उसके प्रेम चुंबन थे मुंदी आंखों वाले जो आंखें खुलने पर दिखे कि खेले गए थे वे ‘
- बना लिया कर जो जी चाहे “ मनिहारिन आँगन में बड़े से टोकरे से बिंदी , आलता , रंग बिरंगी चूड़ियाँ निकाल कर कपड़े पर सजा देती पर वे पूछतीं , ” अम्माजी , ये लाल चूड़ियाँ ले लूँ ? “ और सास बदले में कहतीं ” हाँ और वो कत्थई वाली भी ले लो ” .
- कुछ भी रसोई में नया बनाना हो तो सासू माँ से पूछ कर ही बनातीं , और वे अंदर से खुश होते हुए झूठा गुस्सा दिखाती,“अरी पूछती क्या है...बना लिया कर जो जी चाहे ” मनिहारिन आँगन में बड़े से टोकरे से बिंदी,आलता,रंग बिरंगी चूड़ियाँ निकाल कर कपड़े पर सजा देती पर वे पूछतीं,“अम्माजी, ये लाल चूड़ियाँ ले लूँ?” और सास बदले में कहतीं “हाँ और वो कत्थई वाली भी ले लो”.