मश्क़ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अमीना बेगम की सरपरस्ती में बड़ी होकर अपने मुजरे का मुहुर्त करने वाली शबनम ( जया भादुड़ी) को हम हिंदी मंज़िल से उसी ग़ज़ल की मश्क़ करते देखते हैं।
- अमीना बेगम की सरपरस्ती में बड़ी होकर अपने मुजरे का मुहुर्त करने वाली शबनम ( जया भादुड़ी ) को हम हिंदी मंज़िल से उसी ग़ज़ल की मश्क़ करते देखते हैं।
- हर सबक़ के आख़िर में ख़ुलासा और सवालात भी पेश किये गये हैं ता कि पढ़ने वाला नतीजे की तरफ़ भी मुतवज्जे हो सके और सबक़ की मश्क़ भी हो जाये।
- बुरा हाल , जब होश आया और मैंने देखा दाहिने हाथ पर उंगलियों से कुहनी तक पलास्टर है , तो रात भर बाएं हाथ से लिखने की मश्क़ करता रहा और अगली सुबह दफ़्तर में था।
- सिकन्दर हमीद इरफ़ान एक समझदार और बाशऊर शायर हैं , उन्हें बुज़ुर्ग और कोहना मश्क़ शोअरा जैसे क़ाज़ी हसन रज़ा और जनाब ज़ियाउद्दीन ज़िया की रहनुमाई भी मिलती रही है उन्हें ये सिलसिला आगे भी जारी रखना चाहिए।
- इनमें पहले लियाक़त अली ख़ान थे , क्योंकि ख़ान साहेब अलील नहीं हो रहे थे ( और उनको तीन साल का मौका दिया गया था इस आसान मश्क़ के लिए ) लिहाज़ा उनको 1951 में खुद ही मामा पड़ा।
- जिस घर से जैसा मिलता है वैसा ही काम भी लिया जाता है , और सैकड़ों बरस की मश्क़ से कुछ ऐसा इंतेज़ाम बन गया है कि “प्ारजूं'' और ‘‘जजमानों” के दरमयान में हुक़ूक़ और फ़राइज़ में कभी इख़तेलाफ़ होते देखा नहीं।
- ग़ज़ल का एक-एक शे ' र शाइर से मश्क़ ( मेहनत ) माँगता है ! किसी शाइर का सिर्फ़ एक मिसरा सुनकर इस बात को बा-आसानी कहा जा सकता है कि इन साहब को शे ' र कहने की सलाहियत है या नहीं !
- पिछले दिनों आदरणीय श्री पंकज सुबीर जी केब्लॉग पर एक तरही मिसरा मश्क़ के लिये दिया गया था , , “ नए साल में नए गुल खिलें , नयी खुशबुएँ नए रंग हों ” मिसरा अपने आप में बहुत अनूठा रहा , मन में समा जाने वाला..
- पर उस की नज़र पड़ी आप ने करबला के बाद से अपना एक फ़रीज़ा बना लिया था वह यह कि आप अपने कांधे पर मश्क़ उठाते थे और मदीने की गलियों में हर इंसान को पानी से सेराब किया करते थे और फ़रमाते थे कि मीठा और ठंडा पानी पियो और मेरे बाबा हुसैन ( अ. ) प्यास को याद करो।