मार्कंडेय पुराण का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- प्रतिमा का इतिहास इतिहास में इस प्रतिमा का वर्णन मार्कंडेय पुराण के ‘दुर्गा सप्तशत ी ' नामक अध्याय में उल्लिखित है।
- उनका ' वरमाला ' नाटक , जो मार्कंडेय पुराण की एक कथा लेकर निर्मित है , बड़ी निपुणता से लिखा गया है।
- मार्कंडेय पुराण में वर्णित देवी महात्म्य में दुर्गा ने स्वयं को शाकंभरी अर्थात साग-सब्जियों से विश्व का पालन करने वाली बताया है।
- प्रतिमा का इतिहास : इतिहास में इस प्रतिमा का वर्णन मार्कंडेय पुराण के ‘ दुर्गा सप्तशत ी ' नामक अध्याय में उल्लिखित है।
- आचार्य अविनाश राय बताते हैं कि मत्स्य पुराण , श्रीमद्भागवत , मार्कंडेय पुराण मौनी अमास्वया पर मौन रखकर स्नान करने का वर्णन है।
- आचार्य अविनाश राय बताते हैं कि मत्स्य पुराण , श्रीमद्भागवत , मार्कंडेय पुराण मौनी अमास्वया पर मौन रखकर स्नान करने का वर्णन है।
- मार्कंडेय पुराण में अणिमा , महिमा , गरिमा , लघिमा प्राप्ति , प्राकाम्य , ईशित्व एवं वशित्व- ये आठ सिद्धियां बतलाई गई हैं .
- मार्कंडेय पुराण के अनुसार अनिमा , महिमा ,लघिमा ,प्राप्ति ,प्राकाम्य ,ईशित्व ,और वशित्व ये आठ प्रकार की सिध्धि है ...ये सिध्धि दात्री आखरी है ।
- प्राचीनकाल से और ऊपर उल्लेखित लेखकों के अलावा गौतम धर्म-सूत्र , शतपथ ब्राह्मण, कथाक-गृह्य-सूत्र, चंडोज्ञ उपनिषद, मार्कंडेय पुराण और अन्य अनेक में कर्म के सिद्धांत का उल्लेख है.
- ( श्री मार्कंडेय पुराण - श्री दुर्गा सप्तशती ) अर्थात हे माता ! तुष्ट या प्रसन्न होने पर क्रोध पूर्वक तुम समस्त रोगों का नाश कर देती हो .