मिरगी रोग का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अरीठे के चूर्ण को कपड़े से छानकर मिरगी के रोगी को सुंघाने से मिरगी रोग खत्म हो जाता है।
- ऋषिकेश का एक डॉक्टर दशकों तक आयुर्वेदिक दवा के नाम पर मिरगी रोग ठीक करने का दावा करता रहा।
- मुख्य रूप से चन्द्र , मंगल , सूर्य एवं लग्नेश के निर्बल एवं दुष्प्रभाव में होने पर मिरगी रोग होता है।
- हीरा हींग की 7 ग्राम की डली , एक कपड़े में सीं कर गले में पहना दो इससे मिरगी रोग चला जाता है।
- प्रयोग-करौंदा के पत्ते १ तोला दही के तोड़ या मट्ठे में पीसकर प्रतिदिनलगातार १०-१५ दिनों तक सेवन करने से मिरगी रोग नष्ट होता है .
- मेडिकल हिस्ट्री के विषय में करें बात : - मेघा और उसके परिवार ने उसके मिरगी रोग के विषय में मोहित से छुपाया था।
- सूर्य , चंद्र , मंगल लग्न और अष्टम भाव में साथ-साथ हों और अशुभ ग्रहों से दृष्ट हों , तो मिरगी रोग होता है।
- वृश्चिक लग्न में सूर्य बारहवें अस्त मंगल के साथ युत हो , लग्न में राहु व बुध की युति हो तो मिरगी रोग होता है।
- वच को बारीक पीस कर ब्राह्मी अथवा शंखाहुली के रस , या पुराने गुड़ के साथ लें , तो मिरगी रोग में आराम मिलता है।
- कुंभ लग्न : लग्नेश शनि षष्ठ भाव में सूर्य से पूर्ण अस्त , मंगल-चंद्र , राहु दशम भाव में हों , तो मिरगी रोग होता है।