मुत्तसिल का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- दरख़ास्त गुज़ार ने अदालत में शिकायत दाख़िल करते हुए वे एचपी लीडर के ख़िलाफ़ ये इल्ज़ाम आइद किया कि वो शहर के हालिया दौरह के दौरान चारमीनार से मुत्तसिल भाग्य लक्ष्मी मंदिर में हिन्दुवों को पूजा से रोकने पर हैदराबाद को एवधया में तबदील करने की धमकी दी थी ।
- ( 712) एहतियात की बिना पर, पेशानी और हाथों की पुश्त का मसा ऊपर से नीचे की तरफ़ करना चाहिए और इसके तमाम कामों को मुत्तसिल (निरन्तर) तौर पर अंजाम देना चाहिए और अगर उन कामों के बीच इतना फ़ासिला हो जाये कि लोग यह न कहें कि तयम्मुम कर रहा है तो तयम्मुम बातिल है।
- जिस के हुदूदे अर्बअ यह है , पहली हद आफ़तों के अस्बाब मुत्तसिल है , दूसरी हद मुसीबतों के एस्बाब से मिली हुई है , और तीसरी हद हलाक़ करने वाली नफ़सानी ख़्वाहिशों तक पहुंचती है , और चौथी हद गुमराह करने वाले शैतान से तअल्लुक रखती है , और इसी हद में इस का दरवाज़ा खुलता है।
- इमारतें एक दूसरे से जुड़ी होतीं और आबादियाँ एक दूसरे से मुत्तसिल , कहीं सुरख़ी माएल गन्दुम के पौदे होते और कहीं सरसब्ज़ बाग़ात , कहीं चमन ज़ार होता और कहीं पानी में डूबे हुए मैदान , कहीं सरसब्ज़ व “ ाादाब किष्तज़ार होते और कहीं आबाद गुज़रगाहें लेकिन इस तरह आज़माइष की सहूलत के साथ जज़ा की मिक़दार भी घट जाती।
- इब्ने मग़ाज़ली मुत्तसिल सनद के साथ मूसा बिन जाफ़र से वह अपने बाबा इमाम सादिक़ से वह अपने बाबा इमाम मुहम्मद बाक़िर से और उन्होंने अपने बाबा इमाम सज्जाद अलैहिमु अस्सलाम से नक़्ल किया है कि आपने फ़रमाया कि मैं और मेरे बाबा इमाम ( हुसैन अलैहिस्सलाम ) जद्दे बुज़ुर्गवार ( पैग़म्बरे इस्लाम ( स. ) ) की क़ब्र की ज़ियारत के लिए गये थे।
- शेख़ सदूक़ ने अपनी तीन किताबों में मुत्तसिल सनद के साथ सईद बिन जुबैर से नक़्ल किया है कि उन्होने कहा कि मैने यज़ीद बिन क़ानब को यह कहते सुना कि मैं अब्बास बिन अब्दुल मुत्तलिब और बनी अब्दुल उज़्ज़ा के कुछ लोगों के साथ ख़ाना-ए- काबा के सामने बैठा हुआ था कि अचानक फ़ातिमा बिन्ते असद ( मादरे हज़रत अली अलैहिस्सलाम ) ख़ाना-ए-काबा की तरफ़ आईं।
- शेख तूसी ने अपनी आमाली में मुत्तसिल सनद के साथ इब्ने शाज़ान से नक़्ल किया है कि उन्होंने कहा कि इब्राहीम बिन अली ने अपनी सनद के साथ इमाम सादिक़ अलैहिस्सलाम से और उन्होंने अपने आबा व अजदाद के हवाले से नक़्ल किया है कि अब्बास बिन मुत्तलिब व यज़ीद बिन क़ानब कुछ बनी हाशिम व बनी अब्दुल उज़्ज़ा के के साथ ख़ाना-ए- काबा के पास बैठे हुए थे।
- कोई उस ‘ ाख़्स का बिगाड़ने वाला नहीं है जिसको उसने दुरूस्त किया हो , उसने मोहम्मद ( स 0 ) को इस्लाम का इल्म और हुक्काम का इमाम ज़्यादतियों का रोकने वाला और वद और सेवाअ ( दोनों बुत हैं ) के एहकाम को बातिल करने वाला बनाकर भेजा उसने तालीम दी और हुक्म दिया और उसूलों को मुक़र्रर किया और हिदायत की वादा वफ़ाई की ताकीद की और अल्लाह ने इकराम को उसके साथ मुत्तसिल कर लिया और वदीअत की रूह को सलामती के साथ और उस पर रहम और उसके अहलेबैत को मुकर्रम किया।