मुफ़्तखोरी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- आम आदमी की ओन-लाईन मुफ़्तखोरी का रोग शुरु हुआ फ़ोकट के ई-मेल खातों से , किसी ने शिकायत नही की फ़िर बात फ़ोकट की होस्टिंग, फ़ोकट के कनेक्शन से होती हूई एक बहुत ही जानदार तकनीक तक पहुंची.
- आम आदमी की ओन-लाईन मुफ़्तखोरी का रोग शुरु हुआ फ़ोकट के ई-मेल खातों से , किसी ने शिकायत नही की फ़िर बात फ़ोकट की होस्टिंग, फ़ोकट के कनेक्शन से होती हूई एक बहुत ही जानदार तकनीक तक पहुंची.
- उपहार बटोरने के और छुट्टियाँ टटोलने के बाद अगला मिशन होता है , अक्षत को चिड़ियाघर घुमाने का क्योंकि जनवरी के प्रथम सप्ताह में चिड़ियाघर में टिकट नहीं लगता , और मध्यमवर्गी परिवारों में मुफ़्तखोरी का प्रचलन तो है ही।
- यह कोंकण रेल्वे की निर्माण शर्तों में शामिल है कि जब तक कोंकण रेल के निर्माण पर हुआ खर्च नहीं निकल जाता , तब तक सिर्फ़ कुछ उच्च अधिकारियों को ही पास की सुविधा मिलेगी, बाकी रेलकर्मियों की मुफ़्तखोरी नहीं चलेगी।
- मतलब एक सरकारी वेबसाईट के बदले गूगल की मुफ़्तखोरी कर बना हिंदी विश्विद्यालय का यह अनधिकृत चिट्ठा बतायेगा कार्यक्रमों की जानकारी ! सरकार का यह स्पष्ट आदेश है कि सरकारी वेबसाईट्स या सुचनायें निजी/ विदेशी सर्वरों पर नहीं होनी चाहिये।
- यह कोंकण रेल्वे की निर्माण शर्तों में शामिल है कि जब तक कोंकण रेल के निर्माण पर हुआ खर्च नहीं निकल जाता , तब तक सिर्फ़ कुछ उच्च अधिकारियों को ही पास की सुविधा मिलेगी , बाकी रेलकर्मियों की मुफ़्तखोरी नहीं चलेगी।
- अगर आप आंकड़ो पर विश्वास रखते हैं तो इस ज़मीनी हक़ीक़त को मान लिजिये कि महंगाई की यह आफत अगर 25 % आसमानी बला से उपजी है तो 75 फीसदी जनता को सौगात के तौर पर दी जाने वाली मुफ़्तखोरी से उपजी है ।
- विश्वास कीजिये , जिसे “ मुफ़्तखोरी ” की आदत लग जाती है , वह भिखारी आपकी सब शर्तें मान लेगा लेकिन कोई काम नहीं करेगा , कश्मीरियों को भी लौटकर भारत के पास ही आना है , सिर्फ़ हमें कुछ समय के लिये संयम रखना होगा।
- परन्तु उत्तर भारत में इसका ठीक उलटा हुअ , यहाँ दलितों, राजपूतों, और ब्राह्मणों को सिर्फ़ एक वोट बैंक की तरह विकसित किया गया, जोड़तोड़ से सरकार बनाओ, अपनी जातियों का भला करो, उन्हें बढावा दो, उनकी गलतियों को नजरअंदाज करो, मुफ़्तखोरी को सरकारी जामा पहना दो, अपनी गलतियों को केन्द्र के मत्थे मढने की कोशिश करो, राज्य का विकास गया भाड में ।
- बार-बार इस सूचना के बाद भी कुछ पाठक इस का आग्रह कर हमें शर्मिंदा करते हैं | कृपया ऐसा न करें | ज्योतिष हमारे लिए पूर्ण-कालिक कर्म है | आप जिस से जीवन के लिए मार्ग-दर्शन जैसी अत्यंत महत्त्वपूर्ण बात की अपेक्षा करते हैं , उस के लिए सेवा-शुल्क देने की आदत भी डालिए | मुफ़्तखोरी की आदत सभ्य लोगों को शोभा नहीं देती |