मुसन्निफ़ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- * दो बातें सामने आईं कि मुहम्मद अल्हम्द के मुसन्निफ़ ! हैरत में पड़ गए कि मेरी रचना मंतर का काम भी करती है ?
- सूरह रोम में भी सूरह क़सस की तरह मुहम्मद की झक नहीं है , इस सूरह का मुसन्निफ़ कोई और है और साहिबे क़लम है .
- तुम ऐसा इश्क़ करना चाहते हो कि उसकी नाकामी पर कोई अदना दर्जे का मुसन्निफ़ एक किताब लिखे , जिसे नरायन दत्त सहगल पीले काग़ज़ों पर छापे और डिब्बी बाज़ार में रद्दी के भाव बेचे।
- अगर किताब को पढ़ने वाले मुसन्निफ़ को राहनुमा मानकर उसके साथ-साथ आगे बढ़ने की कोशिश करें तो इसमें कोई शक नहीं िक वह ख़ुद शायरी को समझने लगेंगे और अशआर की तक़तीय भी करने लगेंगे।
- अगर किताब को पढ़ने वाले मुसन्निफ़ को राहनुमा मानकर उसके साथ-साथ आगे बढ़ने की कोशिश करें तो इसमें कोई शक नहीं िक वह ख़ुद शायरी को समझने लगेंगे और अशआर की तक़तीय भी करने लगेंगे।
- पुस्तक के आरम्भ में लिखा हैः- “ पंजाब गवर्नमेंट ने अज़राह-ए-अदब नवाज़ी “ दिल की गीता ” पर मुसन्निफ़ को एक हज़ार रुपये का दर्जा अव्वल का जलील अलक़दर अतय्या बतौर इनाम इनायत फ़रमाया है।
- पुस्तक का नाम : ' शिमाइल ा ' मुसन्निफ़ : सुलतान सुबहानी प्रकाशक : हमज़ुबान पब्लिकेशन , एम . एच . बी . कॉलोनी ( हज़ार खोली ) , मालेगाँव ( महाराष्ट्र ) मूल्य : 70 रु .
- पुस्तक का नाम : ' शिमाइल ा ' मुसन्निफ़ : सुलतान सुबहानी प्रकाशक : हमज़ुबान पब्लिकेशन , एम . एच . बी . कॉलोनी ( हज़ार खोली ) , मालेगाँव ( महाराष्ट्र ) मूल्य : 70 रु .
- इसपर लेखक का नाम इस प्रकार दिया गया है “ जनाब मुंशी नवाब राय साहब मुसन्निफ़ किशना वगैरा ” इसी प्रकार इंडियन प्रेस इलाहबाद से 1907 में हिन्दी में छपने वाले उपन्यास ' प्रेमा ' को भी देखिये .
- कुरान और हदीसों का गौर से मुतालिआ करें तो साफ साफ पाएँगे कि दोनों के मुसन्निफ़ एक हैं जो अल्लाह को कुदरत वाला नहीं बल्कि आदत वाला समझते हैं , अल्ला मियां तौबा न करने वालों के हक में फरमाते हैं - - -