मुस्तक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- 1 . आभिन्यास बुखार : त्रिकुटु , त्रिफला तथा मुस्तक जड़ , कटुकी प्रकन्द , निम्ब छाल , पटोल पत्र , वासा पुष्प व किरात तिक्त के पंचांग ( जड़ , तना , पत्ती , फल और फूल ) और गुडूची को लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की बराबर मात्रा लेकर काढ़ा बना लें।
- बिल्व ( बेल ) फल का मज्जा , शुण्ठी ( सोंक ) , धान्यक ( धनिया ) के फल , मुस्तक ( मोथा ) की जड़ , सुगंध बाला ( तगर ) के फल को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर 14 से 28 मिलीलीटर की खुराक के रूप में सेवन करने से ज्वर अतिसार ठीक हो जाता है।
- बिल्व ( बेल ) फल का मज्जा , शुण्ठी ( सोंक ) , धान्यक ( धनिया ) के फल , मुस्तक ( मोथा ) की जड़ , सुगंध बाला ( तगर ) के फल को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर 14 से 28 मिलीलीटर की खुराक के रूप में सेवन करने से ज्वर अतिसार ठीक हो जाता है।
- गिरफतार अभियुक्त 1 - शाहरूख पुत्र असलम निवासी ग्राम सिकन्दरपुर मुस्तक थाना मीरापुर जनपद मुजफफरनगर बरामदगी 1 - एक तमंचा 315 बोर व जीवित कारतूस दो देशी पिस्टलें 32 बोर के साथ दो अभियुक्त गिरफतार जनपद मुजफफरनगरथाना बुढ़ाना दिनांक 22 - 10 - 13 को थाना बुढाना पुलिस द्वारा सूचना के आधार पर बायवाला मोड़ के पास से दो अभियुक्तों को गिरफतार किया गया।
- इस प्रकार की अनेक घटनाओं को उद्धृत करते हुए राबर्ट ब्रीफ्फालट अपनी प्रसिद्ध मुस्तक Ther making of humanity ( मानवता का सर्जनऋ में अपने उद् गार इन शब्दों में व्यक्त करता है- ‘‘ हमारे विज्ञान पर अरबों का एहसान केवल उनकी आश्चर्यजनक खोजों या क्रांतिकारी सिद्धांतों एवं परिकल्पनाओं तक सीमित नहीं है , बल्कि विज्ञान पर अरब सभ्यता का इससे कहीं अधिक उपकार है , और वह है स्वयं विज्ञान का अस्तित्व।
- चिरायता , शुंठी , देवदारू की लकड़ी , पाठा के पंचांग ( जड़ , तना , पत्ती , फल और फूल ) , मुस्तक की जड़ , मूर्वा , सारिया की जड़ , गुडूचीतना , इन्द्रयव और कटुकीप्रकन्द को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर रख लें , फिर इसी काढ़े को 14 मिली लीटर से लेकर 28 मिली लीटर को खुराक के रूप में पिलाने से स्तनों के रोग में स्त्री को लाभ पहुंचता हैं।
- चिरायता , शुंठी , देवदारू की लकड़ी , पाठा के पंचांग ( जड़ , तना , पत्ती , फल और फूल ) , मुस्तक की जड़ , मूर्वा , सारिया की जड़ , गुडूचीतना , इन्द्रयव और कटुकीप्रकन्द को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर रख लें , फिर इसी काढ़े को 14 मिली लीटर से लेकर 28 मिली लीटर को खुराक के रूप में पिलाने से स्तनों के रोग में स्त्री को लाभ पहुंचता हैं।