मूर्तिमान् का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- पितामह ब्रह्माजी भी उनके पास में मूर्तिमान् वेदों , शास्त्रों, पुराणों, आगमों, सनकाद महासिद्धों, प्रजापतियों, पुत्रों तथा कई परिजनों के साथ उपस्थित थे।
- इसके २ ४ अक्षरों में २ ४ अमूल्य शिक्षा = संदेश भरे हुए हैं , वे सद्बुद्धि के मूर्तिमान् प्रतीक हैं ।
- वह राजनैतिक खून के मामले में आया था , किन्तु यदि मैंने किसी को अहिंसा का मूर्तिमान् स्वरूप कहाने लायक देखा है तो उसी को।
- पितामह ब्रह्माजी भी उनके पास में मूर्तिमान् वेदों , शास्त्रों , पुराणों , आगमों , सनकाद महासिद्धों , प्रजापतियों , पुत्रों तथा कई परिजनों के साथ उपस्थित थे।
- भगवान् की कृपा से उस समय उसने अपने मन में मूर्तिमान् ब्रह्मचर्य और तपश्चर्या के उपदेशक वसिष्ठ को पति के रूप में वरण किया , और उन्हीं का चिन्तन करते-करते अपने पुरोडाशमय शरीर को अगिन्देव को समर्पित कर दिया।
- भगवान् की कृपा से उस समय उसने अपने मन में मूर्तिमान् ब्रह्मचर्य और तपश्चर्या के उपदेशक वसिष्ठ को पति के रूप में वरण किया , और उन्हीं का चिन्तन करते-करते अपने पुरोडाशमय शरीर को अगिन्देव को समर्पित कर दिया।
- पुन : वायु पुराण[99] ने तथा वराह पुराण [100] , पद्म पुराण [101] एवं ब्रह्मण्ड पुराण[102] ने सात प्रकार के पितरों के मूल पर प्रकाश डाला है, जो कि स्वर्ग में रहते हैं, जिनमें चार तो मूर्तिमान् हैं और तीन अमूर्तिमान्।
- जो ये अंजन पर्वत के सदृश और सूर्य के समान तेजस्वी श्रीव्यासदेव जी तुम्हारे पिता जी के बगल में सुवर्ण के आसन पर बैठे हैं , इनका चन्द्रमा के समान सुन्दर , महाबुद्धिमान , सर्वशास्त्रज्ञ और मूर्तिमान् यज्ञ के सदृश शुकदेवनामक पुत्र हुआ।
- माता , पिता , आचार्य , अतिथि और पुरुष के लिए पत्नी की अहमियत बताते हुए स्वामी जी कहते हैं- ` ये पाँच मूर्तिमान् देव जिनके संग से मनुष् यदेह की उत्पित्त , पालन , सत्यशिक्षा , विद्या और सत्योपदेश को प्राप्ति होती है।
- वायु पुराण [ 68] , ब्रह्माण्ड पुराण [69] , पद्म पुराण [70] , विष्णुधर्मोत्तर[71] एवं अन्य पुराणों में पितरों के सात प्रकार आये हैं, जिनमें तीन अमूर्तिमान् हैं और चार मूर्तिमान्; वहाँ पर उनका और उनकी संतति का विशद वर्णन हुआ हैं इन पर हम विचार नहीं करेंगे।