मूषा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इसके बाद लाल योगिक को तौली हुई छिद्रित मूषा में छानकर और धोकर , भार के स्थिर होने तक 1200 - 1250 सें 0 तक गरम करते हैं।
- ७ . जलधार चूषण पंप - इस पंप का प्रयोग (क) निस्यंदन फ्लास्क तथा (ख) बुकनर कीप, या (ग) गूच मूषा, या (घ) विट प्लेट के साथ किया जाता है।
- ( क) क्रायोलाइट और सिलिकेट को एक प्लैटिनम मूषा में गरम करने, (ख) फ्लोरस्पार और माइक्रसेक्लाइन के गरम करने और (ग) द्रवित पोटाश-अभ्रक को ठंडा करने से कुरुविंद प्राप्त होता है।
- लोहे को गलाने आदि के लिए जो पात्र काम में आता है वह मूषा ( ‘ रिटार्ट ' ) कहलाता है , जो विशेष तापसह मिट्टी ( रिफ्रेक्टरीज़ ) का बनाया गया पात्र है।
- अपुनर्भव भस्म- किसी धातु की भस्म को गुड़ , धुंधची के चूर्ण , सुहागा और घृत में मिलाने के बाद मूषा में रखकर अग्नि फूंकने पर यदि भस्म से धातु अलग न हो तो ऐसे भस्म को अपुनर्भव भस्म कहते हैं।
- ‘‘ साम , सौण्डाल तथा मौतर्वक तीनों लोह जातियों के क्रम से तीन , आठ तथा दो भाग मात्राओं को ( इस मिश्र धातु में तीनों लोहों का अनुपात है ) टंकण सुहागा के साथ मूषा ( रिटार्ट ) में रखकर 272 कक्ष्य दर्जे की उष्णता से गलाने पर वह राजलोहा बन जाता है।
- अत : विलयन, निस्यंदन, निष्कर्षण, अवक्षेपण, वाष्पीकरण, संघनन, शोषणश् आदि अनेक विधियों के लिए विभिन्न प्रकार के उपकरण, जैसे वीकर, परखनली, कीप, पंप, निस्यंदन फ्लास्क, जल ऊष्मक, वालू ऊष्मक, आंशिक आसवन स्तंभ, फ्लास्क शोषक स्तंभ, गैसजनित्र, धावन बोतल, काग, रबर तथ काँच की नली, तापमापी, मूषा, तोल बोतल, ब्यूरेट, पिपेट, अंशांकित फ्लास्क आदि, प्रयुक्त होते हैं।