मृगलोचनी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कुछ कवि बहुत ज्यादा भावुक होते है कवि के सफेद बाल देख कर चंद्रवदनि मृगलोचनी ने बाबा का सम्बोधन कर दिया , दिल में टीस लगी और कविता प्रारम्भ।
- PMकेशव केसन अस करी जौ अरी हूँ न कराहीं चन्द्र बदन मृगलोचनी बाबा कही कही जाहीं . .है तकलीफ पर बताएं किसे .दर्दे दिल की दवा लायें कहाँ से ........
- कुछ कवि बहुत ज्यादा भावुक होते है कवि के सफेद बाल देख कर चंद्रवदनि मृगलोचनी ने बाबा का सम्बोधन कर दिया , दिल में टीस लगी और कविता प्रारम्भ।
- लेकिन मैंने अपने व्यंग्यकार को विदा करके पहले एक व्यावहारिक प्राणी की तरह अपने से कहाµ ”ऐसी चंद्रवदनी , मृगलोचनी बाबा कहि-कहि जाय से तो फार-फार बैटर है कि नटवर कहि-कहि जाय.
- लेकिन मैंने अपने व्यंग्यकार को विदा करके पहले एक व्यावहारिक प्राणी की तरह अपने से कहाµ ”ऐसी चंद्रवदनी , मृगलोचनी बाबा कहि-कहि जाय से तो फार-फार बैटर है कि नटवर कहि-कहि जाय.
- केशव को शिकायत रही कि उनके समय में खिजाब का चलन नहीं था और सुंदरियां उन्हें बाबा कहती थीं : - केशव केसन अस करी जस अरिहूं न कराहिं, चंद्रवदन मृगलोचनी बाबा कहि-कहि जांहि.
- जवानी के तेज से चमकने वाली आंखों पर कब चश्मा आ गया , केशा ? वदास के सफैद बालों को देख सोने के बदन वाली मृगलोचनी कब बाबा कहने लगी , पता नही चला।
- - केसवदास की कौन सी पीड़ा ? - अरे , केशवदास ने कहा था न - “ केशव केसन अस करी , जस अरिहू न कराय , चन्द्रवदन मृगलोचनी बाबा कहि-कहि जाय ' ।
- जब दूर से चित्रकूट के गगनचुम्बी शिखर दिखाई देने लगा तो राम सीता से बोले , “हे मृगलोचनी! तनिक जलते हुये अंगारों की भाँति पलाश के इन पुष्पों को देखो जो सम्पूर्ण वन को शोभायमान कर रहे हैं।
- भावार्थ : - सभी स्त्रियाँ चन्द्रमुखी ( चन्द्रमा के समान मुख वाली ) और सभी मृगलोचनी ( हरिण की सी आँखों वाली ) हैं और सभी अपने शरीर की शोभा से रति के गर्व को छुड़ाने वाली हैं।