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मृत्यु दिवस का अर्थ

मृत्यु दिवस अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. कैसी विडंबना है कि जहाँ जैन समाज के लोग तीर्थंकर महावीर स्वामी के निर्वाण दिवस को प्रतिवर्ष दीपावली के रूप में मनाते हैं , वहीं आर्यसमाजी स्वामी दयानंद सरस्वती के मृत्यु दिवस को उत्साह और खुशी के साथ मनाते हैं।
  2. कल एक व्यक्ति से मुलाक़ात हुई , बेचारे अपने मोबाइल से किसी सज्जन से कह रहे थे की आज छुट्टी है ....जानकारी के लिए बता दूं की झारखंड सरकार ने नेताजी जयंती पर २३ जनवरी को सार्वजनिक छुट्टी की घोषणा की है ...दूसरी तरफ से पुछे जाने की क्या चीज़ की छुट्टी है ...व्यक्ति इधर-उधर झँकते हुए जवाब देते है की किसी नेता की जयंती है या शायद मृत्यु दिवस है ........
  3. अगर फ़िरोज़ ख़ान उर्फ छद्म गाँधी की बात कर रहे हैं तो उसका पूरा नाम क्यों नहीं लेते , कभी उसका जन्म या मृत्यु दिवस क्यों नहीं मनाते ? कभी उसकी कब्र पर झाड़पूंछकर फूल पत्ते क्यों नहीं धरते ? और अगर महात्मा गाँधी जी के वारिस होने की बात करते हैं तो गाँधी जी का अपना भरा पूरा परिवार है , वे दूसरों को वारिस क्यों बनाते ? यह तो ऐसा हुआ जैसे कि खरगोश ऊँट का वारिस होने की ताल ठोक रिया हो .
  4. मृत्यु दिवस मनाना : - हमारी संस्कृति के अनुसार हम महापुरुषों का जन्म दिवस मानते हैं कभी भी किसी महापुरुष का मृत्यु दिवस नहीं मनाते | हमारे सारे त्यौहार आनंद व प्रसन्नता के हैं , कोई ऐसा त्यौहार नहीं जिसमें हम रुदन , दुःख प्रकट करते हैं , पर मुस्लिम सभ्यता के प्रभाव में रह-रह कर हमने भी कुछ-कुछ सीख ही लिया | आज हिंदू समाज का कोई-कोई वर्ग अपने संत-महंत का मृत्यु दिवस , पुण्यतिथि के नाम पर मनाने लगा है | क्या कभी आपने श्री कृष्ण जी या मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम कि मृत्यु तिथि सुनी ???
  5. मृत्यु दिवस मनाना : - हमारी संस्कृति के अनुसार हम महापुरुषों का जन्म दिवस मानते हैं कभी भी किसी महापुरुष का मृत्यु दिवस नहीं मनाते | हमारे सारे त्यौहार आनंद व प्रसन्नता के हैं , कोई ऐसा त्यौहार नहीं जिसमें हम रुदन , दुःख प्रकट करते हैं , पर मुस्लिम सभ्यता के प्रभाव में रह-रह कर हमने भी कुछ-कुछ सीख ही लिया | आज हिंदू समाज का कोई-कोई वर्ग अपने संत-महंत का मृत्यु दिवस , पुण्यतिथि के नाम पर मनाने लगा है | क्या कभी आपने श्री कृष्ण जी या मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम कि मृत्यु तिथि सुनी ???
  6. मृत्यु दिवस मनाना : - हमारी संस्कृति के अनुसार हम महापुरुषों का जन्म दिवस मानते हैं कभी भी किसी महापुरुष का मृत्यु दिवस नहीं मनाते | हमारे सारे त्यौहार आनंद व प्रसन्नता के हैं , कोई ऐसा त्यौहार नहीं जिसमें हम रुदन , दुःख प्रकट करते हैं , पर मुस्लिम सभ्यता के प्रभाव में रह-रह कर हमने भी कुछ-कुछ सीख ही लिया | आज हिंदू समाज का कोई-कोई वर्ग अपने संत-महंत का मृत्यु दिवस , पुण्यतिथि के नाम पर मनाने लगा है | क्या कभी आपने श्री कृष्ण जी या मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम कि मृत्यु तिथि सुनी ???
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