मैनाक पर्वत का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इच्छा से लालच और इंकार से अहंकार बढ़ता है सीता की खोज में लंका जाते समय हनुमान को मैनाक पर्वत ने रोककर विश्राम हेतु निवेदन किया पर हनुमान जी ने उस सोने के पर्वत को स्पर्श कर उसे सम्मान देते हुए कहा कि प्रभु राम का काम किए बिना विश्राम उचित नहीं है।
- सबसे पहले मैनाक पर्वत ने उनसे थोड़ा आराम करने को कहा , फिर परीक्षा लेने के लिए सुरसा आई, फिर समुद्र में रहने वाली सिंघिका राक्षसी का वध करना पड़ा, फिर लंका के द्वार पर लंकिनी ने रोका, उसके बाद विभीषण से मुलाकात हुई, तब विभीषण के बताए मार्ग पर चलकर उनको सीता जी के दर्शन हुए।
- सबसे पहले मैनाक पर्वत ने उनसे थोड़ा आराम करने को कहा , फिर परीक्षा लेने के लिए सुरसा आई , फिर समुद्र में रहने वाली सिंघिका राक्षसी का वध करना पड़ा , फिर लंका के द्वार पर लंकिनी ने रोका , उसके बाद विभीषण से मुलाकात हुई , तब विभीषण के बताए मार्ग पर चलकर उनको सीता जी के दर्शन हुए।
- काटे होंगे किसी युग में इन्द्र ने पर्वतों के पंख और डर कर छिप गया होगा मैनाक पर्वत समुद्र में क्योंकि पहाड़ हिंसक नहीं होते पहाड़ पर शान्ति पाने , मुक्ति और वैराग्य पाने को बड़े-बड़े ज्ञानी-अज्ञानी धूनी रमाते हैं इसीलिए पहाड़ आज भी जीवित हैं , साक्षात हैं लाखों वर्षों से आसमान छूता है लेकिन घमण्डी इन्द्र कहीं भी , कहीं नहीं पूजता है।