मोहनिद्रा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- जब माडल की मोहनिद्रा खुली और उसने अपने बदन को टटोला तो वह यह जानकर हतप्रभ रह गई कि उसका पेट यथापूर्व मोटा था और उसके नितम्ब निचुड़ गये थे जिससे उसका बदन ऐसा हो गया था जैसे बांस की खपाचों पर गेहूं से भरा बोरा रख दिया गया हो।
- जब माडल की मोहनिद्रा खुली और उसने अपने बदन को टटोला तो वह यह जानकर हतप्रभ रह गई कि उसका पेट यथापूर्व मोटा था और उसके नितम्ब निचुड़ गये थे जिससे उसका बदन ऐसा हो गया था जैसे बांस की खपाचों पर गेहूं से भरा बोरा रख दिया गया हो।
- वन्देमातरम के बारेमें योगी अरविन्दने लिखा था “ बत्तिस वर्ष पूर्व बंकिम ने अपना ये महान गीत लिखा था और कुछ ही लोग ने उसे सुना किन्तु लम्बी मोहनिद्रा में आकस्मिक जागरण के क्षण में बंगाल के लोगोंने सत्य के लिये ईधर उधर देखा और सौभाग्य से कोइ “ वन्देमातरम ” गा उठा ।
- उपन्यास में लिखे गए ' वन्देमातरम्‘ के सम्बन्ध में योगी अरविन्द ने 'इन्दु प्रकाश‘ में लिखा था - 'बत्तीस वर्ष पूर्व बंकिम ने अपना यह महान् गीत लिखा था और कुछ ही लोगों ने उसे सुना किन्तु लम्बी मोहनिद्रा में आकस्मिक जागरण के क्षण में बंगाल के लोगों ने सत्य के लिए इधर-उधर देखा और उसी सौभाग्य क्षण में कोई 'वन्देमातरम्‘
- ' उपयोगिता ' और ' उपभोक्ता ' को लेकर सबके मूल्य भी तो अपने अपने हैं ! > बात बहुत पुरानी हो चुकी है , एक ग्रीक फिलासफर ने भी कहा था कि लेखक उतना भी काम का नहीं जितना कि एक तलवार ! , और तो और , साहित्त-कार मोहनिद्रा में सुला देता है , यह समाज के लिए ' अनुपयोगी ' है ! ..
- उपन्यास में लिखे गए ' वन्देमातरम् ‘ के सम्बन्ध में योगी अरविन्द ने ' इन्दु प्रकाश ‘ में लिखा था - ' बत्तीस वर्ष पूर्व बंकिम ने अपना यह महान् गीत लिखा था और कुछ ही लोगों ने उसे सुना किन्तु लम्बी मोहनिद्रा में आकस्मिक जागरण के क्षण में बंगाल के लोगों ने सत्य के लिए इधर-उधर देखा और उसी सौभाग्य क्षण में कोई ' वन्देमातरम् ‘ गा उठा।